दोस्ती क्या होती है मेरे दोस्तों से पूछिये
यारों के संग जिंदगी क्या होती हमसे पूछिये
जिंदगी में खुशी औऱ मस्ती के रंग भरते हैं
दोस्तों के संग बिन बहाने महफ़िल सजते है।
हंसी, मजाक, गाली गलौज की चलती बहार
एक ही थाली में मिलकर खाते है सब यार
जाति, धर्म, खून का नहीं होता इसमें सरोकार
जब हम दोस्त मिलते हैं, खूब छलकता है प्यार।
हर सुख दुख में मिलकर साथ निभाते है
हम है ना यह कहकर दिलासा दिलाते है
एक दूजे से दिल की हर बात बताते है
सच में दोस्त ही तो दोस्ती दिल से निभाते है।।
दोस्तों से तो ज़िंदगी गुलजार होती है
दोस्ती के रंगों में रंगोली की बरसात होती है
गर कोई दोस्त ना हो अपना जीवन में तो
तब जिंदगी सूखे रेगिस्तान जैसे होती है।
मनखी की कलम से।