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हिन्दी-दिवस

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हर भारतीय की शक्ति है हिन्दीसहज सरल अभिव्यक्ति है हिन्दीन परिचय की मोहताज़ है हिन्दीभाषाओं की सरताज़ है हिन्दी।जन जन की आवाज़ है हिन्दीमीठे सुर की साज़ है हिन्दीसात सुरों की ताज है हिन्दीहम सबकी ये नाज़ है

हिन्दी मेरे मन के भावों की अभिव्यक्ति है।हिन्दी मेरी राजभाषा और मेरे देश की शक्ति है।हर भारतीय के दिल और जान में बसती है। हिंदी मेरे देश की पहचान जन-जन की भक्ति है।।हिन्दीभाषी देशों में पहचान दिल

हिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को मनाया जाता है। 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने यह निर्णय लिया कि हिन्दी केन्द्र सरकार की आधिकारिक भाषा होगी। क्योंकि भारत मे अधिकतर क्षेत्रों में ज्यादात

हिंदी भाषा को हमारे देश, भारत, की राष्ट्रीय भाषा के रूप में मान्यता दी जाती है, और हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिन महात्मा गांधी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, जो कि हिंदी क

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कुछ वर्षों पहले जयपुर गया था । क्योंकि यात्रा पूर्व-निर्धारित न होकर अकस्मात् थी इसलिए कोई भी होटल बुक नहीं किया हुआ था ।   रेलवे स्टेशन पर बैठ कर मोबाइल पर किसी होटल की अच्छी लोकेशन देखकर बुक करने

  चुनाव में दल बल होता है, आपदा में सुनपट्ट होता है, चुनाव में पूरी टीम होती है, आपदा में कोई नहीं दिखता है। चुनाव में दारू की बोतलेकोने कोने पहॅुच जाते हैआपदा में एक पान

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थकती हैं संवेदनाएँ जब तुम्हारा सहारा लेता हूँ, निराशा भरे पथ पर भी तुमसे ढाढ़स ले लेता हूँ, अवसाद का जब कभी उफनता है सागर मन में मैं आगे बढ़कर तत्पर तेरा आलिंगन करता हूँ, सिकुड़ता हूँ शीत म

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समाहित जिसमे संसार और भारत की शान हम हिन्द हिन्दी हमारी जान। बड़ी मीठी प्यारी हमारी भाषा कितने सितारे जन्मे महान हम हिन्द हिन्दी हमारी जान । सभी कलाओ का पहचान कराती भारत की राष्

अपनों में अपनों से तिरस्कृत, इसी व्यथा में जीती हिंदी भाषा पुरातनों से मिली तू स्वर्ण धरोहर,छोड़ तुझे अपनाएं पीतल और कासा पाठ्यक्रमों में भी खूब पढ़ाए, अंग्रेजी जिंगल बेल पहेली&nbs

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  परिचय:  हिंदी दिवस, जिसे हिंदी दिवस के नाम से भी जाना जाता है, भारत में हर साल 14 सितंबर को मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिन ऐतिहासिक महत्व रखता है क्योंकि यह राष्ट्र की आधिक

 पूरे घर में हवन का धुआं फैला हुआ था, अग्नि में जलती हुई हवन सामग्री की सुगंध चारों ओर फैल रही थी। सामने दो तस्वीरों पर हार चढ़ा हुआ था। रतन के लिए यह तस्वीरें प्रश्न की कड़ियों से जुड़ गई थी। एक

भोर की प्रथम किरण जैसी,सरल,सुखद,सहज,सुंदर,शुद्ध,सारगर्भित,अर्थपूर्ण,बोधगम्य ,मनोहर।भारत,भारतीयों की,हिंदी भाषा,उसके स्वर।चलें जब जिहवा चढ़कर,कानों में ज्यों अमृत घोलें,धीरे धीरे चल,आनंदित कर।सजी अलंका

परिचय हर साल 14 सितंबर को मनाया जाने वाला हिंदी दिवस लाखों भारतीयों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है। यह दिन हिंदी भाषा को श्रद्धांजलि है, जो भारत की सांस्कृतिक और भाषाई पहचान को आकार देने में म

“मेरा आग्रहपूर्वक कथन है कि अपनी सारी मानसिक शक्ति हिन्दी भाषा के अध्ययन में लगावें। हम यही समझे कि हमारे प्रथम धर्मों में से एक धर्म यह भी है।” – विनोबाभावे 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिन्दी दिवस मनाया

प्रस्तावना: हिंदी, भारत की आधिकारिक भाषा है, जिसका महत्व और मान्यता हमारे देश में अत्यधिक है। हिंदी दिवस का आयोजन 14 सितंबर को हर साल भारत में किया जाता है। यह दिन हिंदी भाषा के महत्व को याद करने और

तेरे प्यार के राहों के पथ में, मैं स्वर के दीप जलाएं हैं महकी–महकी निश रजनी में, मैं पूनम चांद उगाएं हैं मैं टूटा तारा भोर प्रहर, खिलती मुस्कानें मेरे अधर अपनी मुस्कानों को देकर, उपवन में सुमन खिला

हर इंसान को कुछ न कुछ तो विरासत में मिलता है,मुझे भी कुछ चीजे विरासत में मिली है ,कुछ क्या बहुत कुछ मिला है,बहुत सारा प्यार मिला तो उस से भी ज्यादा दर्द मिला,शिक्षा मिली,आदर मिला, संस्कार मिला, अपनी म

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शब्द ही सबसे बड़े गुरु हैं ।   कभी गौर कीजियेगा ।  गुरु गोविंद दोउ खड़े,  काके लागूं पाएं  बलिहारी गुरु आपकी,  जिन गोविंद दियो बताय । उपरोक्त में "बताय" शब्द का क्या मतलब है।  किसी ने बताया।

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कविता का संसार गढ़ना है, बन प्रेरणा चले आओ, हाँ, मुझे उड़ना है, तुम पँख बनकर लग जाओ । देखना है मुझे, उस क्षितिज के पार क्या है, जानना है मुझे, सपनों का सँसार क्या है । कल्पना के संसार में,

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साथ सुहाना तब कहो,  जब मन साथ में होय,  मन भटके कहुं और तो,  साथ साथ न होय ।   @नील पदम्                  

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