*इस धराधाम पर जन्म लेने के बाद मनुष्य को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए आत्मविश्वास की आवश्यकता होती है | हमारा आत्मविश्वास ही हमारा मार्गदर्शन करते हुए सत्पथ पर चलने की प्रेरणा देता है | जीवन के रहस्य को समझने के लिए मनुष्य को आत्मविश्वास का सहारा लेना ही पड़ता है क्योंकि जीवन निर्माण में आत्मविश्वास का विशेष महत्व होता है | जो व्यक्ति अपनी इस शक्ति का विकास नहीं कर पाता है वह अभाव एवं दरिद्रता के साथ जीवन जीते हुए मृत्यु को प्राप्त हो जाता है | इस धरती पर मनुष्य को परमात्मा का राजकुमार कहा जाता है क्योंकि मनुष्य ने अपने आत्मविश्वास के बल पर महान से महान कार्य संपन्न किए हैं | संसार का कोई भी ऐसा काम नहीं होगा जिसमें आत्मविश्वास की महत्ता का वर्णन न किया गया हो | आत्मविश्वास क्या है ? इसे समझना आवश्यक है | आत्मविश्वास का प्रादुर्भाव चेतना के प्रतिबिंब में अंतर के दिव्य गुणों एवं शक्तियों के दर्शन करने से होता है | यह कोई वरदान या आशीर्वाद नहीं बल्कि अन्त:करण की दिव्य शक्ति ही है | आत्मसत्ता के हाथों अपने जीवन की पतवार सौंपकर कर्तव्य पथ पर चल पड़ना ही आत्मविश्वास का सहारा लेना है | आत्मविश्वास में ही प्रगति एवं सभी संभावनाएं निहित होती है | प्रायः हम अपने अंतःकरण की अजस्रशक्ति स्रोत को पहचान नहीं पाते और अपने अज्ञान एवं अविवेक के कारण दर-दर भटका करते हैं , जबकि यह सत्य है कि इस संसार में जितने भी अलौकिक कार्य हुए हैं उनके मूल में मनुष्य का आत्मविश्वास ही रहा है | यदि पवनपुत्र हनुमान जी में आत्मविश्वास की तनिक भी कमी होती तो शायद वह समुद्र का लंघन कर पाते | अतः मनुष्य को अपने आत्मविश्वास की पूंजी को सदैव बनाए रखना चाहिए |*
*आज समाज में अनेक लोग ऐसे देखने को मिलते हैं जो कोई भी कार्य प्रारंभ तो बहुत विश्वास के साथ करते हैं परंतु बीच में ही वह कार्य छूट जाता है , इन अधूरे छूट गए कार्यों का कारण मनुष्य में आत्मविश्वास की कमी होना ही रहता है | जिस प्रकार मनुष्य को जीवन जीने के लिए अन्न और जल की आवश्यकता होती है उसी प्रकार किसी भी कार्य को संपन्न करने के लिए आत्मविश्वास का होना भी परम आवश्यक है , क्योंकि विश्वास अपने आप में एक शक्ति है | मेरा "आचार्य अर्जुन तिवारी" का मानना है कि अंतर्मऩ की सुषुप्त शक्तियों के जग पड़ने का नाम ही आत्मविश्वास है | आत्मविश्वास ही मनुष्य को नर से नारायण की भूमिका में पहुंचा सकता है | जब आंतरिक शक्तियां आत्मविश्वास में परिवर्तित होकर के किसी एक दिशा की ओर चल पड़ती है तो सफलता मनुष्य के कदम चूमने लगती है | आत्मविश्वास को आधार बनाकर के मनुष्य जीवन के अंधकार को नष्ट कर सकता है | आत्मविश्वास की वृद्धि करने के लिए सबसे सरल मार्ग है अपने कर्तव्य एवं उत्तरदायित्व का ईमानदारी के साथ पूर्ण पालन करना | किसी भी कार्य के छोटे - बड़े की चिंता न करके छोटे से छोटे कार्य को भी संपन्न करने से मनुष्य का आत्मविश्वास बढ़ता है और आगे का मार्ग प्रशस्त होता जाता है | इसलिए मनुष्य में आत्मविश्वास का होना परम आवश्यक है |*
*आत्मविश्वास मानव जीवन का आधार है और जिन्होंने इसको पहचान करके अपनी शक्तियों को विकसित किया वही अपने जीवन के संग्राम में सफल हुए है | प्रत्येक मनुष्य को अपने आत्मविश्वास की अभिवृद्धि करते रहना चाहिए |*