लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर (157 फीट) ऊंची प्रतिमा (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी)
का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनकी 143वीं जयंती पर करने जा रहे हैं. मोदी 31 अक्टूबर को उद्घाटन
करेंगे. वहीं स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के ऊपर जाने के लिए लिफ्ट लगेगी, जिसके जरिये सरदार
सरोवर का टॉप व्यू दिखेगा. आइए जानते हैं इस विशाल प्रतिमा के बारे में कुछ
बातें...
दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति को टूरिस्ट स्पॉट बनाया जाएगा.
सरदार की मूर्ति तक पहुंचने के लिए पर्यटकों के लिए पुल और बोट की
व्यवस्था की जाएगी.
जहां पर्यटकों को सरदार सरोवर बांध का नजारा देख सकेंग साथ ही
खूबसूरत वादियों का मजा ले सकेंगे.
ये मूर्ति इतनी बड़ी
है कि ऐसे 7 किलोमीटर की दूरी से भी देखा जा सकता है.
आपको बता दें कि 'स्टैचू ऑफ यूनिटी' ऊंचाई में अमेरिका के 'स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी' (93 मीटर) का दुगना है.
इंजीनियर्स ने इस
मूर्ति के कंस्ट्रक्शन कोे चार चरणों में पूरा किया गया है. जो इस प्रकार है:- (1)मॉक-अप, (2)3डी (3)स्कैनिंग
तकनीक, (4)कंप्यूटर न्यूमैरिकल कंट्रोल प्रोडक्शन
तकनीक. वहीं मूर्ति के नीचे के हिस्से को ऊपर के हिस्से की तुलना में थोड़ा पतला
किया गया है. ऊपर के हिस्से को चौड़ा रखा गया है. मूर्ति के निर्माण में सबसे बड़ी
चुनौती इसे भूकंप और अन्य आपदा से बचाव करना था.
यह स्टैच्यू 180 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवा में भी स्थिर खड़ा रहेगा.
यह 6.5 तीव्रता के भूकंप को भी सह सकता है.
इस विशाल मूर्ति के
निर्माण में 1000 कर्मचारियों का हाथ है. जिसमे 200 कर्मचारी चीन के थे. इन लोगों ने सितंबर 2017 से ही दो से तीन महीनों तक अलग-अलग बैचों में काम किया.
इसके लिए मूर्ति के 3 किलोमीटर की दूरी पर एक टेंट सिटी भी बनाई गई है. जो 52 कमरों का श्रेष्ठ भारत भवन 3 स्टार होटल
है. जहां आप रात भर रुक भी सकते हैं.
वहीं स्टैचू के नीचे
एक म्यूजियम भी तैयार किया गया है जहां पर सरदार पटेल की स्मृति से जुड़ी कई चीजें
रखी जाएंगी. आपको बता दें, मूर्ति के निर्माण के लिए केंद्र में मोदी
सरकार बनने के बाद अक्टूबर 2014 मेंलार्सन एंड टूब्रो कंपनी को ठेका दिया
गया था. माना जा रहा है कि इसके निर्माण में करीब 3000 करोड़ रुपये
खर्च हुए हैं. आपको बता दें, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के ऊपर जाने के लिए
लिफ्ट लगेगी.