हमारे देश में कुछ भी अजीबोग़रीब हो जाए तो उसे चमत्कार कहकर धर्म से जोड़ देना बहुत आम बात है. ताजा मामला है उत्तर प्रदेश के सीतापुर ज़िले के रेउसा ब्लॉक का. यहां के सुरेठा गांव में ज़मीन पर पड़ा हुआ एक पीपल का पेड़ अपने आप खड़ा हो गया. धीरे-धीरे लोगों को इसके बारे में पता चला और अब इसे चमत्कार मानकर पूजा पाठ शुरू किया जा चुका है. ख़बरों की मानें तो यहां मंदिर बनाने की तैयारी चल रही है. लोग इस पेड़ की परिक्रमा कर पूजा कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि ये ब्रह्मदेव बाबा का चमत्कार है.
जानकार क्या कहते हैं?
पेड़ के इस तरह अपने आप उठ खड़े होने की प्रक्रिया को समझने वाले जानकारों का कहना है कि ये एक सामान्य घटना है. पेड़ का वजन एक तरफ ज्यादा हो गया और वक़्त के साथ जड़ों की खिंचावट के चलते ये अपने आप खड़ा हो गया है. इसमें चमत्कार जैसा कुछ भी नहीं है.
लोगों की मानें तो 6 महीने पहले ये पीपल का पेड़ एक ठेकेदार ने कटवा दिया था क्योंकि इससे जुताई-बुवाई में दिक्कत आ रही थी. पेड़ के कट जाने के बाद लोग इसकी टहनियां भी काटकर ले गए. तबसे ये ठूंठ ऐसे ही पड़ा था. लेकिन अब ये वापस खड़ा हुआ है और लोगों का मानना है कि इसमें ज़रूर कोई अलौकिक शक्ति है.
पीपल के इस पेड़ के अपने आप उठ जाने के पीछे की सच्चाई जानने के लिए हमने सीतापुर में आज तक से जुड़े पत्रकार अरविंद मोहन मिश्रा से बात की. उन्होंने हमें बताया कि इस घटना का कोई चश्मदीद नहीं है. किसी ने भी इसे खड़े होते नहीं देखा है. हो सकता है किसी ने पड़े देखा हो. मीडिया में जो रिपोर्ट्स आईं हैं वो केवल कुछ लोगों के बयानों पर आधारित हैं. लेकिन सिर्फ कुछ ही लोग हैं जो इसे सत्यापित कर रहे हैं. मंदिर बनाने और पूजा पाठ की बातें देखकर लग नहीं रहा कि इसमें कुछ सत्यता है. एक त्यागी बाबा हैं जो इसमें कुछ ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं. अभी पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता कि ये वाकई चमत्कार है या कोई इसे ज़बरदस्ती चमत्कार बनाने कोशिश कर रहा है.