रिलायंस इंडस्ट्रीज को रॉफेल बनाने का सौदा मिलने के बाद जल्द ही सरकार अब हल्दीराम को भारतीय सेना के लिए तोप बनाने का कॉन्ट्रैक्ट दे सकती है।
सूत्रों की माने तो इसकी पूरी तैयारी हो चुकी है, बस अब औपचारिक एलान होना बाकी है।
अनिल अंबानी के साथ नजदीकी संबंध होने के कारण मोदी सरकार पर उनकी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज को फायदा पहुँचाने का आरोप लगता रहा है।
नागपुर से शुरू हुई हल्दीराम कंपनी अब पूरे देश में अपने प्रोडक्ट बेच रही है।
माना जा रहा है कि हल्दीराम के संस्थापक शिवकिशन अग्रवाल से भी मोदी जी की काफी अच्छी दोस्ती है, और ये दोस्ती तब हुई जब मोदी जी ने नागपुर में आरएसएस की शाखा को जॉइन किया था।
रॉफेल सौदा को लेकर विपक्ष लगातार सत्ता पक्ष पर हमला कर रहा है। विपक्ष इसको आने वाले चुनावों में बड़ा मुद्दा भी बनाने वाला है।
पहले से एक आरोप झेल रही सरकार हल्दीराम को तोप बनाने का कॉन्ट्रैक्ट देने के बाद से फिर से विपक्ष के निशाने पर आ जायेगी।
रक्षा मंत्रालय के एक बड़े अधिकारी के घर झाड़ू-पोछा करने वाले मंगुलाल ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि सरकार नए लोगों को बढ़ावा देना चाहती है, इसलिए वो रॉफेल में अनुभवहीन कंपनी को आगे लायी। और अब तोप बनाने में हल्दीराम को ला रही है क्योंकि इससे हल्दीराम को अपनी वास्तविक क्षमता का पता चलेगा, कि वो बस मिठाई-भुजिया ही नहीं बल्कि तोप भी बना सकती है।
सूत्रों की माने तो इस विषय पर काफी जोरो-शोरो से बातचीत चल रही है, और बहुत जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा हो जाएगी।
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