सबसे अधिक शर्मनाक चीज तो ये है की हमारे देश की मीडिया जो निष्पक्ष होने का राग अलापती रहती है
वो इस खबर को ऐसे दबाये हुए है जैसे कुछ हुआ ही न हो
अब आपको पूरी खबर देते है, ऊपर इस लड़की की तस्वीर देखिये, एक पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कुल जो की उलुबेरिया जिले के तेहत्ता में स्थित है, ये सरकारी स्कुल है जो की मुस्लिम बाहुल्य इलाके में है
मुस्लिमो ने यहाँ कुछ दिनों बाद होने वाले सरस्वती पूजा पर रोक लगा दी
मुस्लिमो के दबाव में ममाता बनर्जी की सरकार ने भी सरस्वती पूजा के लिए अनुमति नहीं दी, आप देख सकते है की ये सेक्युलर देश है जहाँ किसी को भी अपने धर्म के पालन की आज़ादी है, पर शायद किसी में " हिन्दू " नहीं आते
इस से पहले भी पश्चिम बंगाल में ममाता सरकार ने कई जगहों पर दुर्गा पूजा की इज़ाज़त नहीं दी थी
खैर, आज तेहत्ता के सरकारी स्कुल के छात्र सरस्वती पूजा की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे और स्कुल की तरफ जा रहे थे, देखें ये है प्रदर्शन की तस्वीरे
ममाता बनर्जी की पुलिस आयी और उसने छात्रों पर ही लाठीचार्ज कर दिया, आप इन छात्रों को ध्यान से देखिये, ये किसी भी एंगल से खतरनाक दिख रहे है की पुलिस को इनपर लाठी चलानी पड़ी, ये सब स्थानीय मुस्लिमो के दबाव में किया गया
मुख्यमंत्री का नाम ममाता है पर इस महिला में कोई ममता नहीं है, इसकी पुलिस ने बच्चों के सर फोड़ डाले वो भी इसलिए क्योंकि वो अपने संविधानिक अधिकार (पूजा करना) की मांग कर रहे थे
ये कैसा लोकतंत्र चल रहा है इस देश में, कैसा सेकुलरिज्म चल रहा है, और कोई मीडिया इस खबर को दिखाने तक को तैयार नहीं है, क्योंकि जिहादियों के कारण हिन्दू अब पूजा भी नहीं कर पा रहे