आजकल बहुत ही आसानी से सेक्युलर तत्व, वामपंथी, बुद्धिजीवी इत्यादि
हिन्दुओ पर आरोप लगाते है की, हिन्दू असहिष्णु हो गया है, भारत में तनाव बढ़ गया है
ऐसे लोगों की बात 100% सच है, और हम बड़ी आसानी से इन तत्वों को हिन्दू विरोधी और नफरत की मानसिकता वाला घृणित इंसान कह सकते है, चूँकि तथ्य कुछ और ही है
* पहले मुस्लिम लीग बना, तब जाकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ बना......!
पहले अलीगढ यूनिवर्सिटी बनी, तब जाकर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय बना......!
*पहले सोमनाथ.. को तोडा गया, राम मंदिर पर मस्जिद बनाई गयी, तब जाकर बाबरी बिखरी........!
पहले साबरमती काण्ड हुआ, तब जाकर नरोदा पाटया हुआ.........!
*पहले नओखोली,चिट्टागो भंग हुआ, तब जाकर मेरठ हुआ........!
पहले 60 हिन्दू जिंदा जलाए गए, तब गुजरात दंगा हुआ...........!
* पहले सीरियल ब्लास्ट किये गए, हिन्दुओ पर हमले किये गए,
तब बाल ठाकरे व् हिन्दू मुम्बई में उतरे
* पहले मुज़फ्फर नगर में जाट (हिन्दू) की लड़की को छेड़ा गया, तब मुज़फ्फरनगर दंगा हुआ
पहले गौहत्या की गयी तब जाकर दादरी काण्ड हुआ
मुसलमान भारत पर हमला करने आये, ईसाई भारत पर हमला करने आये
फिर भी आज हिन्दू का भारत सेक्युलर है, वहीँ बाकि देश इस्लामिक हो गए, ईसाई हो गए
हिन्दू को असहीष्णु कहने वाले घिनोने लोग, कितने धूर्त व् नीच है इसको तो मापा भी नहीं जा सकता
इतिहास गवाह है, एक भी दंगा हिन्दू ने शुरू नहीं किया
हिन्दू ने कभी कट्टरता की शुरुवात नहीं की
हिन्दू तो वो है, जिसने बौद्ध, फिर जैन, फिर सिख को जन्मा, हिन्दू वो है जिसने पारस (पर्शिया) के पारसियों को शरण की, स्वयं में समा लिया
हिन्दू नफरत फैला ही नहीं सकता, क्योंकि नफरत हिन्दू के संस्कार में ही नहीं
हिन्दू ने केवल प्रतिउत्तर दिया, और उसमे भी कदाचित कमी रही तभी आज इतने जयचंद बचे हुए है