26 अक्टूबर 2015
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समाज लोगों को अध्याय जोड़ना है... गरीबों की सेवा करे... असहाय लोगों की मदद करे...D
रोमिश जी, ये बात किसी धर्म विशेष की नहीं है बल्कि हम सबकी सूझ-बूझ की है । खुशियाँ मनाने के लिए पटाखे जलाने की आवश्यकता ही नहीं है । इस त्यौहार में पटाखों पर खर्च के आंकड़े चौंकाने वाले होते हैं । इसी पैसे को किसी सृजन हेतु खर्च किया जाए तो पूरी तस्वीर ही बदल जाए । पटाखे नहीं जलाएंगे तो लक्ष्मी जी रुष्ट नहीं हो जाएंगी । एक संकल्प करने की आवश्यकता है कि हम ख़ुशी का इज़हार करने के लिए पटाखे नहीं जलाएंगे । इससे वायु प्रदूषण भी रुकेगा और धन तथा स्वास्थ्य की बर्बादी भी नहीं होगी । धन्यवाद !
27 अक्टूबर 2015