कश्मीर घाटी में हिंसात्मक घटनाओं की खबरे आये दिन सुनने को मिल रही हैं. अलगाववादी कट्टरपंथी, भारतीय सेना को इसका जिम्मेदार बताते हैं. कहा जाता है की भारतीय सेना के जवान कश्मीरी लोगों पर जुल्म कर रहे हैं. लेकिन नीचे एक विडियो को देखने के बाद आप साफ़ समझ सकते हैं की जुल्म सेना कर रही है या फिर ये जेहादी.
दरअसल कश्मीर में बहुत लम्बे समय से यही सब देखने को मिल रहा है इसका कारण वहां के अलगाववादी नेताओं की घटिया राजनीति . वह रहते तो भारत में हैं लेकिन मिलना पाकिस्तान के साथ चाहते हैं. खायेंगे तो भारत का लेकिन गुणगान करेंगे आतंकवादी पाकिस्तान का.
यही कारण है की भारत सरकार को कश्मीर की स्थिति नियंत्रित करने के लिए सेना को वहां पर तैनात रखना पड़ रहा है. लेकिन आये दिन कट्टरपंथी जेहादी सेना पर पत्थर फैंक कर उन्हें घायल कर रहे हैं. अगर बदले में सेना पैलेट गन का इस्तेमाल करती है तो गन का शिकार हुए कट्टरपंथीयों के हिमायती बन कर कई मानवाधिकार वाले खड़े हो जाते हैं.
उन जेहादियों के मानवअधिकारों की पैरवी करने लगते हैं. लेकिन जब इन्ही जेहादी कट्टरपंथियों द्वारा हमारी सेना के जवानो को पत्थर मार कर बुरी तरह से घायल कर दिया जाता है. तब ये मानवाधिकार वाले कहाँ मर जाते हैं? क्या सैनिक का कोई मानव अधिकार नहीं होता?
दरअसल ये लोग किसी भी हमदर्दी के लाईक नहीं ये गोली के लाईक ही हैं. इन देशद्रोहियों को तो तुरंत गोली से उड़ा देना चाहिए. नीचे इस विडियो को देखने के बाद आप इस फौजी के मन की स्थिति का अंदाजा समझ सकते हैं. हमें अगर कोई इस तरह से एक थप्पड़ भी मारे तो हम गुस्से में उसका मुंह तौड़ देते हैं लेकिन हमारा सैनिक अनुशासन में कितना बंधा है. जिसके चलते अपने ऊपर हो रहे प्रहार पर रिएकट भी नहीं कर पा रहा.
देखिये खून खौलने वाला विडियो :-
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