आज अनेक साधक प्रवृत्तिके व्यक्ति अंतर्जालपर (इन्टरनेट) अपना समय व्यर्थ करते हैं, जबकि आनेवाला विनाशक कालमें मृत्यु मुंह बाए खडी है, ऐसेमें अंतर्जालपर समय व्यर्थ करना, एक अक्षम्य पाप है यह सभी साधक ध्यान रखें ! एकसे दो वर्षके अन्दर तीसरा महायुद्ध आरम्भ हो जाएगा ऐसेमें आपकी भक्ति ही आपका रक्षण करेगी और इस हेतु अपने एक-एक क्षणका सदुपयोग व्यष्टि एवं समष्टि साधना हेतु करें अन्यथा आनेवाले कालमें आप पूर्णत: असहाय हो जाएंगे और अपने इस कृतिके लिए स्वयंको क्षमा नहीं कर पाएंगे, और उस समय आपकी सहायता कोई नहीं करेगा ! फेसबुकपर मात्र पंद्रह मिनटसे आधे घंटेका समय ही दिनचर्यामें डालें वह भी कुछ ज्ञान वर्धक धर्म विषयक कुछ पढना हो तो अन्यथा उसका परित्याग करना आवश्यक है | मैंने देखा है कि सभी साधक फेसबुकपर अपना समय अनावश्यक लेख लिखने और साझा करनेमें व्यर्थ करते हैं, मैं तो यह बार-बार आपको बता ही सकती हूं, आपमें अपेक्षित सुधार नहीं होनेपर ईश्वरसे निकट भविष्यके आपात कालमें किसी प्रकारकी सहायताकी अपेक्षा न करें ! ध्यान रहे आग लगनेपर कुंआ नहीं खोदा जाता है, आग बुझानेके लिए कुएंको पूर्वमेंसे खोदकर रखना पडता है ! मात्र अगले छह वर्षोंमें विश्वकी ४० प्रतिशतसे अधिक जनसख्या नष्ट हो जाएगी, ऐसा अनेक संतोंने बार-बार कहा है, ऐसी विकट परिस्थितिका सामना करने हेतु स्वयंसिद्ध हो जाएं अन्यथा आपके पास पछतानेके अतिरिक्त दूसरा कोई पर्याय नहीं रहेगा ! फेसबुकपर अपने मनसे धर्मका प्रसार करनेकी अपेक्षा किसी संतके मार्गदर्शनमें उसी समयका सदुपयोग, सेवा हेतु करें, इसे मैं आपको भयभीत करने हेतु नहीं अपितु सचेत करने हेतु कह रही हूं !! अपने मनसे धर्मप्रसार करनेके कारण आपके ऊपर सूक्ष्म जगतके मांत्रिकोंका आक्रमण होता है और आपके कष्ट बढ जाते हैं, मेरे पास ऐसे कई साधकोंको इस प्रकारके कष्ट हैं, वे अपने कष्टके निवारणार्थ मुझसे सहायता मांगते हैं; परन्तु वे अपनी मनकी ही करते हैं; अतः मैं उनके कष्टके प्रति अब साक्षी भाव रखने लगी हूं ! –(परात्पर गुरु ) तनुजा ठाकुर (१७.३.२०१४ )