दिन में आप कितनी बार गाय या सूअर का मांस खाते हैं? जब भी आप जिलेटिन खाते हैं आप इसको देखते ही नहीं इसलिए आपको इसका कोई अनुमान नहीं है कि इसे कैसे बनाया जाता है। इसे ऐसे बनाया जाता है :
जिलेटिन को सड़े हुए पशुओं की खालों, कुचली गई हड्डियों, मवेशियों तथा सूअरों के जोडऩे वाले टिशुओं को उबाल कर बनाया जाता है। जिलेटिन प्रसंस्करण संयंत्र प्राय: वधगृहों के निकट होते हैं और जिलेटिन फैक्टरियों के स्वामियों के अक्सर अपने वध-गृह होते हैं जहां पशुओं की केवल उनकी खाल तथा हड्डियों के लिए हत्या की जाती है। जब भोजन प्रसंस्करण संयंत्रों पर पशु के अंग आते हैं तो गुणवत्ता हेतु उनकी जांच की जानी तथा सड़े हुएहिस्सों को अलग किया जाना होता है। भारत में कोई जांच प्रणाली नहीं है इसलिए इसे तो आप नकार ही सकते हैं। हड्डियों, टिशुओं को काटने की मशीनों में डाला जाता है जो उन्हें छोटे-छोटे टुकड़ों में काट देती है।
किसी जिलेटिन फैक्टरी में छत पर गाय की खालों का ढेर लगा रहता है। खालों को सडऩे या ‘उपचार’ हेतु लगभग 1 माह तक चूने के ढेरों में रखा जाता है। उस फैक्टरी से निकलने वाली दुर्गंध मीलों दूर तक फैली हुई होती है। खालों के पक जाने के पश्चात उन्हें एसिड की टंकियों में डाला जाता है जो गाय के बाल, चमड़ी, कारटिलेज को अलग कर देता है।
कॉस्टिक चूने या सोडियम कार्बोनेट जैसे एसिड या एल्कलाइनों का उपयोग किया जाता है। एसिड (तेजाब) उपचारित कच्चे माल से प्राप्त जिलेटिन को ए-प्रकार का और अलकली (क्षार) उपचारित कच्चे माल से प्राप्त जिलेटिन को बी- प्रकार का जिलेटिन कहा जाता है। (खरीदने वालों को इस भ्रम में डालने के लिए कि वे शाकाहारी विकल्प को खा रहे हैं, कई भोजन उत्पाद अपने अवयवों की सूची में बी-प्रकार का जिलेटिन डालते हैं)।
इसे पानी में धोया जाता है और फिर तब तक पकाया जाता है जब तक कि यह एक सफेद घोल या जैल न बन जाए। जिलेटिन घोल से अलग करने के लिए इस जिलेटिन को फिर छान कर तथा सुखा कर विभिन्न कम्पनियों को भेजा जाता है। अब गाय की खाल और हड्डियां एक हल्के पारदर्शी, रंगहीन, आसानी से टूटने वाले, स्वाद रहित ठोस पदार्थ में परिवर्तित हो जाती हैं जिसे जिलेटिन कहा जाता है। वाणिज्यिक रूप से विनिर्मित जिलेटिन को 1/4 औंस के सूखे दानों वाले, कागज जितनी पतली शीटों के लिफाफों में पैक किया जाता है जिन्हें पत्तियां या घुलने वाले ब्लाक कहा जाता है। खाद्य जिलेटिन को तैयार करने के लिए इसमें मीठा, स्वाद तथा रंगों को मिलाया जाता है।
समूचे संसार में जिलेटिन का उत्पादन लगभग 300,000 टन प्रति वर्ष है जो लगभग 660 मिलियन पौंड होता है। इसका उपयोग भोजन, दवा, फोटोग्राफी और सौंदर्य प्रसाधनों में किया जाता है। ये 4 उद्योग मिल कर समूचे विश्व के जिलेटिन के 95 प्रतिशत से अधिक का उपयोग करते हैं। शेष 5 प्रतिशत का उपयोग एब्रेसिव कागज (रेगमार), वस्त्र, माचिस और प्रिंटर रोलर द्वारा किया जाता है।
जिलेटिन प्रयुक्त करने वाले आम भोजन जिलेटिन डेसर्ट, जैली, ट्राइफल्स, एस्पिक, मार्शमैलो, योगहर्ट, जैली बेबीज, पारदर्शी मिठाइयां, जैम, क्रीम, पनीर, च्युइंगम, केक, आइसिंग और फ्रॉसिंटग, बवेरियन क्रीम, खट्टी क्रीम, टर्किश डिलाइट, मारगरीन, केकके मिश्रण, आईसक्रीम, कॉफी तथा पाऊडर वाला दूध है।
इसका उपयोग जैली वाले सूप, सॉस और तरी, डिब्बाबंद हैम तथा चिकन, कॉर्नड बीफ, सॉसेज में किया जाता है। इसका उपयोग वसा का एहसासकरवाने तथा कैलोरियों को बढ़ाए बिना मात्रा बनाने के लिए वसा कम किए गए भोजनों में भी किया जाता है। इसका उपयोग जूसों को साफ करने के लिए भी किया जाता है, जैसे कि सेब का जूस और सिरका।
पीले रंग के शीतल पेयों में जिलेटिन होता है क्योंकि यह बीटा-कैरोटीन को पानी में घुलने वाला बना देता है। भारतीय बाजार में उपलब्ध होने वाले कुछ उत्पाद ये हैं- मैन्टॉस, ट्राइडैंट गम, मिंट, स्किटल्स, स्टार ब्रस्ट, एम. एंड एम., कप केक, स्निकर बार, कैलॉगस राइस क्रिस्पी, रांच सलाद ड्रैसिंग, हर्शे चीटो, ट्विकस बार, कैलॉगस मार्शमैलो, फ्रूट लूप्स सीरल, कैलॉगस फ्रास्टिड पॉप-टार्टस, कैलॉगस फ्रॉस्टिड मिनी व्हीट्स सीरल, कैलॉगस फ्रूट-फ्लेवर्ड स्नैक, मिल्की वे, योपलेट योगहर्ट।
जिलेटिन फार्मास्युटिकल कैप्सूलों की शैल होती है। जिलेटिन का उपयोग भीतर लगाए जाने वाले चिकित्सा उपकरणों में एक अवयव के रूप में भी किया जाता है, जैसे कि किसी हड्डी की खाली जगह को भरने में। यह गोलियों तथा ऑइन्टमैंट (मरहम) में भी होता है।
जिलेटिन हड्डियों के गोंद जैसे होता है और इसका उपयोग माचिस के सिरों तथा रेगमार में एक चिपकाने वाले के रूप में किया जाता है। इसका उपयोग लगभग सभी फोटोग्राफिक फिल्मों तथा फोटोग्राफिक कागजों में एक इमल्शन में सिल्वर हैलाइड कणों को रोकने के लिए किया जाता है।
सौंदर्य प्रसाधनों में जिलेटिन हाईड्रोलाइज्ड कोलाजन के नाम से शामिल किया जाता है। जिलेटिन का उपयोग नेलपॉलिश रिमूवर तथा मेकअप के सामानों में भी किया जाता है। जिलेटिन को किसी मॉडल की प्राकृतिक त्वचा टोन से मेल खाने के लिए अक्सर विभिन्न रंगों में रंगा गया होताहै।
जिलेटिन कुछ चमकीले प्रिंटिंग वाले कागजों, चित्र बनाने वाले कागजों तथा ताश के पत्तों में पाया जाता है। यह क्रेप कागज में सिलवटें बनाए रखता है। बैलिस्टिक जिलेटिन के ब्लाक हथियारों के गोला-बारूद के परीक्षण हेतु एक मानक मीडियम के रूप में मांसपेशियों के टिशुओं जैसे प्रतीत होते हैं।
कोशिकाओं को पैदा करने के लिए एक जैवकीय सबस्ट्रेट के रूप में इसका उपयोग आम है। जिलेटिन के विकल्पों में गैर-पशु जैल स्त्रोत जैसे कि अगार-अगार (एक समुद्र खरपतवार), पैक्टिन कोंजक और गुआर गम शामिल हैं परन्तु उनका उपयोग तब तक नहीं किया जाएगा जब तक आप उनकी मांग नही करेंगे
आपका बहुत-बहुत आभार ।
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जय गौ माता ।