घर के छोटे-छोटे खर्चों को अगर आप कंट्रोल में कर पाते है तो बड़ी बचत कर सकते हैं। मसलन आप सीमित उपयोग से बिजली का बिल कम कर सकते हैं, मोबाइल खर्च को भी कंट्रोल किया जा सकता है आदि। इसी तरह आप अपने रसोई गैस के खर्च को भी कंट्रोल कर सकते हैं। आज हम आपको एक ऐसे तरीके के बारे में बता रहें हैं जिससे आप रसोई गैस के खर्च को 60 से 90 फीसदी तक कम कर सकते हैं। जी हां, इसके लिए आपको डोमेस्टिक बॉयोगैस प्लांट में 10 से 15 हजार रुपए खर्च करने होंगे। इसके बाद आप कम से कम 25 सालों तक एलपीजी के खर्च से निजात पा सकते हैं।
आइए आपको बताते हैं कि कैसे बॉयोगैस प्लांट से आप इस खर्च को कंट्रोल में कर अपनी बचत कर सकते हैं
5 से 7 हजार रुपए तक होता है परिवार का खर्च
एक 5 से 6 सदस्यों के परिवार में एलपीजी के 12 सिलेंडर सालभर में खर्च होते हैं। अब अगर आप सब्सिडी वाला सिलेंडर इस्तेमाल करते हैं तो परिवार का सालभर का एलपीजी खर्च 5730 रुपए होता है। यही नहीं अगर आप एलपीजी की सब्सिडी छोड़ चुके हैं तो 564 रुपए प्रति सिलेंडर के हिसाब से इस पर 6768 रुपए आता है। हजार रुपए का सालाना खर्च होता है। यही नहीं, यदि सालभर में कोई पारिवारिक कार्यक्रम आदि घर में होते हैं तो यह खर्च बढ़ जाता है।डोमेस्टिक बॉयोगैस प्लांट से कम होगा खर्च
टेक्नोलॉजी के विकास से हर क्षेत्र में क्रांति आई है। यही विकास बॉयोगैस सेगमेंट में भी हुआ है। बता दें कि पहले बायोगैस प्लांट लगाने के लिए आपके पास अच्छी-खासी जमीन होना जरूरी था। लेकिन, इन दिनों कई कंपनियां और मझोले उद्योग छोटे बॉयोगैस प्लांट भी बना रहे हैं। इन्हीं में से एक है पोर्टेबल डोमेस्टिक बॉयोगैस प्लांट। यह घर की छत पर केवल 1 वर्गमीटर की जगह घेरता है। इसके अलावा इससे दुर्गंध भी ज्यादा नहीं आती है।
10 से 15 हजार रुपए होते हैं खर्च
गाजियाबाद स्थित भारत एग्रो के मालिक सुरेंद्र गोयल ने बताया कि इन दिनों डोमेस्टिक बॉयोगैस की कीमत 10 हजार रुपए से 15 हजार रुपए के बीच है। जो कि 2 से 6 सदस्यों के परिवार के लिए फिट हैं। इसके अलावा अधिक क्षमता के बॉयोगैस की कीमत अधिक है। उन्होंने बताया कि इस वक्त सिंटेक्स जैसी बड़ी कंपनियां भी डोमेस्टिक बॉयोगैस प्लांट बना रही हैं। सेमी अरबन क्षेत्रों के साथ-साथ अब बड़े शहरों में भी लोग इन्हें खूब पसंद कर रहे हैं।घर के कचरे से बन सकती है गैस
5 से 7 सदस्यों की फैमिली के लिए 2 वर्ग मीटर जगह घेरने वाला वॉटर जैकेट वाला बॉयोगैस मॉडल कारगर है। डोमेस्टिक बॉयोगैस पर रिसर्च करने वाली संस्था श्रीकुमार डॉटकॉम के इंजीनियर एल श्रीकुमार पई के अनुसार इसमें लगभग 2 किलोग्राम कचरे (घर की सब्जियां, छिलके, आटा, बची हुई रोटियां, पत्ते, आदि) का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके साथ इसमें 25 से 40 लीटर तक वेस्टेज वाटर का इस्तेमाल होता है। इसमें मिथेन गैस बनाने के लिए आप एक मुटठी यूरिया का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस प्लांट से प्रति दिन 2 से 3 क्यूबिक मीटर बॉयोगैस पैदा की जा सकती है। इतनी बॉयोगैस से आप दिन में 2 से 3 घंटे तक सिंगल बर्नर गैस चूल्हा जला सकते हैं। आमतौर पर पूरे दिन में इतनी देर ही रसोई गैस का इस्तेमाल होता है।
60 से 90 फीसदी तक बचा सकते हैं पैसा
पई की रिसर्च के अनुसार इतनी बॉयोगैस से 60 से 90 फीसदी तक बचा सकते हैं। एल श्रीकुमार पई के अनुसार यदि रोज प्लांट चलता है तो इतने खर्च से रसोई में भरपूर काम एक परिवार का हो सकता है। कई सूरतों में प्लांट को सभी दिन नहीं चलाया जा सकता या कोई कार्यक्रम या अन्य कोई कारण है तो कम से कम 60 फीसदी एलपीजी को बचाया जा सकता है। प्लांट से बचे हुए कचरे को खाद के रूप में अपने घरेलू बगीचे या गमलों में इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसे में अगर आप 90 फीसदी तक पैसा बचा पाते हैं तो आपका सालभर का खर्च 7 हजार रुपए के स्थान पर केवल 700 रुपए आएगा। इस हिसाब से केवल लगभग 60 रुपए महीना।इस विडियो में देखिए ये कैसे काम करता है >>
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इस एक तरीके से रसोई गैस का खर्च आधे से भी कम हो जाएगा, आज ही करे ये काम