आकाशवाणी के कानपुर केंद्र पर वर्ष १९९३ से उद्घोषक के रूप में सेवाएं प्रदान कर रहा हूँ. रेडियो के दैनिक कार्यक्रमों के अतिरिक्त अब तक कई रेडियो नाटक एवं कार्यक्रम श्रृंखला लिखने का अवसर प्राप्त हो चुका है. D
प्रेम पानी की तरह पिघला हुआ पदार्थ है,
फिर पत्थर हो या पत्थर दिल वो
उसमें समा जाता हैं,,
इसलिए,,
राष्ट्र प्रेम जाग्रत करना सिखों,
क्योंकि तरह तरह के फूलों से ही बगीचा सुन्दर लगता हैं •------
•----विचारक
भाई मंशीराम देवासी
बोरुंदा जोधपुर राजस्थान
📱 9730788167