“बड़ा सोचें, जल्दी सोचें, आगे की सोचें I विचारों पर किसी का एकाधिकार नहीं होता I”
─धीरुभाई अम्बानी
21 जनवरी 2016
“बड़ा सोचें, जल्दी सोचें, आगे की सोचें I विचारों पर किसी का एकाधिकार नहीं होता I”
─धीरुभाई अम्बानी
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आकाशवाणी के कानपुर केंद्र पर वर्ष १९९३ से उद्घोषक के रूप में सेवाएं प्रदान कर रहा हूँ. रेडियो के दैनिक कार्यक्रमों के अतिरिक्त अब तक कई रेडियो नाटक एवं कार्यक्रम श्रृंखला लिखने का अवसर प्राप्त हो चुका है. D
बहुत खूब शर्मा जी
21 जनवरी 2016