आपने एक गुब्बारे बेचने वाले की कहानी सुनी होगी जो मेले वगैरह में गुब्बारे बेचकर अपनी रोज़ी-रोटी कमाता था I उसके पास तमाम रंग-बिरंगे गुब्बारे थे...नीले-पीले-हरे-गुलाबी ! जब कभी उसकी बिक्री कम होने लगती, वो गैस से भरा एक गुब्बारा हवा में उड़ा देता I बच्चे उस गुब्बारे को देखकर, वैसा ही उड़ने वाला गुब्बारा पाने के लिए मचल उठते I बच्चे उससे गुब्बारे खरीदते और उसकी बिक्री बढ़ जाती I
एक दिन गुब्बारे वाले से एक बच्चे ने पूछा, “ये बताइए, अगर आप काले रंग का गुब्बारा छोड़ेंगे तो क्या वो भी ऊपर जाएगा ?” बच्चे की बात गुब्बारे बेचने वाले के दिल को छू गई I उसने बड़े प्यार से बच्चे को जवाब दिया, “बेटे, गुब्बारा अपने रंग की वजह से नहीं उड़ता, बल्कि उसके भीतर क्या है सिर्फ इस वजह से ऊपर जाता है I”
ज़िन्दगी में भी ऊँचाइयाँ पाने के लिए बस यही बात लागू होती है I क़ीमती वो चीज़ है जो हमारे भीतर है I सिर्फ इन्सान की अच्छाइयाँ, नेकियाँ और उसके सद्गुण ही उसे नित नई ऊँचाइयाँ प्रदान करते हैं I