“जीवन में जब ये आभास हो कि अब तो सब कुछ समाप्त हो गया, कई बार जीवन की वास्तविक प्राप्ति का आरम्भ वहीं से होता है I”
19 जनवरी 2016
“जीवन में जब ये आभास हो कि अब तो सब कुछ समाप्त हो गया, कई बार जीवन की वास्तविक प्राप्ति का आरम्भ वहीं से होता है I”
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आकाशवाणी के कानपुर केंद्र पर वर्ष १९९३ से उद्घोषक के रूप में सेवाएं प्रदान कर रहा हूँ. रेडियो के दैनिक कार्यक्रमों के अतिरिक्त अब तक कई रेडियो नाटक एवं कार्यक्रम श्रृंखला लिखने का अवसर प्राप्त हो चुका है. D
हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती !
21 जनवरी 2016
धन्यवाद अवधेश जी !
19 जनवरी 2016
bhut ही सुन्दर विचार !
19 जनवरी 2016