“कई बार धन और सत्ता का लालच व्यक्ति को अच्छे-बुरे का भान नहीं होने देता I रुतबे के मद में वो दूसरों का हक भी छीन लेता है, लेकिन ऐसा अधर्म करने वाले से समय सब कुछ छीन लेता है I”
21 दिसम्बर 2015
“कई बार धन और सत्ता का लालच व्यक्ति को अच्छे-बुरे का भान नहीं होने देता I रुतबे के मद में वो दूसरों का हक भी छीन लेता है, लेकिन ऐसा अधर्म करने वाले से समय सब कुछ छीन लेता है I”
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आकाशवाणी के कानपुर केंद्र पर वर्ष १९९३ से उद्घोषक के रूप में सेवाएं प्रदान कर रहा हूँ. रेडियो के दैनिक कार्यक्रमों के अतिरिक्त अब तक कई रेडियो नाटक एवं कार्यक्रम श्रृंखला लिखने का अवसर प्राप्त हो चुका है. D