"हम सभी जो कि इस श्यामल धरा के रहवासी हैं उनका यह दायित्व है की दुनिया में क़दम रखने से लेकर आख़िरी साँस तक हम पर प्यार लुटाने वाली इस धरा को बचाए रखने के लिए जो भी कर सकें, करें; क्योंकि यह वही धरती है जो हमारे बाद भी हमारी निशानियों को अपने सीने से लगाकर रखेगी। लेकिन यह तभी सम्भव होगा जब वह हरी-भरी तथा प्रदूषण से मुक्त रहे, और उसे यह उपहार आप ही दे सकते हैं।"
(साभार : भारतकोश)