“Every difficulty slurred over, will be a ghost to disturb your repose later on.”
“कठिनाइयों से मुँह मोड़ोगे तो भूत बन जाएँगी और तुम्हें चैन से सोने नहीं देंगी I”
—रबीन्द्रनाथ टैगोर
20 नवम्बर 2015
“Every difficulty slurred over, will be a ghost to disturb your repose later on.”
“कठिनाइयों से मुँह मोड़ोगे तो भूत बन जाएँगी और तुम्हें चैन से सोने नहीं देंगी I”
—रबीन्द्रनाथ टैगोर
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आकाशवाणी के कानपुर केंद्र पर वर्ष १९९३ से उद्घोषक के रूप में सेवाएं प्रदान कर रहा हूँ. रेडियो के दैनिक कार्यक्रमों के अतिरिक्त अब तक कई रेडियो नाटक एवं कार्यक्रम श्रृंखला लिखने का अवसर प्राप्त हो चुका है. D