"भय और घ्रणा, ये दोनों भाई-बहन लाख बुरे हों, पर अपनी माँ बर्बरता के प्रति बहुत ही भक्ति रखते हैं I जो कोई इनका सहारा लेना चाहता है उसे ये सबसे पहले अपनी माँ के चरणों में डाल जाते हैं I"
─बर्ट्रेण्ड रसेल
15 जनवरी 2016
"भय और घ्रणा, ये दोनों भाई-बहन लाख बुरे हों, पर अपनी माँ बर्बरता के प्रति बहुत ही भक्ति रखते हैं I जो कोई इनका सहारा लेना चाहता है उसे ये सबसे पहले अपनी माँ के चरणों में डाल जाते हैं I"
─बर्ट्रेण्ड रसेल
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आकाशवाणी के कानपुर केंद्र पर वर्ष १९९३ से उद्घोषक के रूप में सेवाएं प्रदान कर रहा हूँ. रेडियो के दैनिक कार्यक्रमों के अतिरिक्त अब तक कई रेडियो नाटक एवं कार्यक्रम श्रृंखला लिखने का अवसर प्राप्त हो चुका है. D