“बच्चे ने परीक्षा में कितने अंक प्राप्त किये, यह उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितनी कि यह बात कि उसकी समझ कितनी अच्छी है। आखिर अच्छे और बुरे अंकों का भान हमें अन्य बच्चों के अंकों से तुलना करने पर ही तो होता है; ज़रा सोचिए, यदि आपका बच्चा आपके द्वारा प्रदत्त सुख-सुविधाओं की तुलना किसी अन्य बच्चे को उपलब्ध सुख-सुविधाओं से करने लगे तो क्या आप इसे अच्छा कहेंगे ? अतः बेहतर होगा कि बच्चों के अंकों के बजाय उनकी अच्छी समझ पर ध्यान दिया जाए I”