“जीवन में ज़्यादा रिश्ते होना ज़रूरी नहीं है, लेकिन जो रिश्ते हैं उनमें जीवन होना ज़रूरी है I”
—स्वामी विवेकानंद
21 नवम्बर 2015
—स्वामी विवेकानंद
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आकाशवाणी के कानपुर केंद्र पर वर्ष १९९३ से उद्घोषक के रूप में सेवाएं प्रदान कर रहा हूँ. रेडियो के दैनिक कार्यक्रमों के अतिरिक्त अब तक कई रेडियो नाटक एवं कार्यक्रम श्रृंखला लिखने का अवसर प्राप्त हो चुका है. D