"स्पष्टीकरण वहाँ देना चाहिए जहाँ उसे सुनने और समझने वाला एक खुला दिमाग़ हो। अगर किसी ने आपको ग़लत मान लिया है तो उस पर सफाई देने का मतलब ख़ुद ही अपनी नज़रों में गिरना है !"
आकाशवाणी के कानपुर केंद्र पर वर्ष १९९३ से उद्घोषक के रूप में सेवाएं प्रदान कर रहा हूँ. रेडियो के दैनिक कार्यक्रमों के अतिरिक्त अब तक कई रेडियो नाटक एवं कार्यक्रम श्रृंखला लिखने का अवसर प्राप्त हो चुका है. D