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सुप्रभात !
“वो पल, वो क्षण बहुत खूबसूरत होते हैं जब कोई हमें कुछ सिखाता है I ज्ञान का झरना निरंतर नहीं बहा करता, और न ही हम इसे निरंतर आत्मसात कर पाते हैं I ईश्वर की कृपा होती हैं तभी मिल पाता है सच्चा गुरु और तभी मिल पाता है सच्चा ज्ञान I ज्ञानी पुरुष भी पात्रता देखकर ही ज्ञान-रस बरसाते हैं I अज्ञानी, अभिमानी और अहंकारी पर ज्ञान की वर्षा नहीं होती I ये मान लेना कि हमें सब कुछ ज्ञात है; यही अज्ञानता की शुरुआत है I”