8 अक्टूबर 2015
45 फ़ॉलोअर्स
आकाशवाणी के कानपुर केंद्र पर वर्ष १९९३ से उद्घोषक के रूप में सेवाएं प्रदान कर रहा हूँ. रेडियो के दैनिक कार्यक्रमों के अतिरिक्त अब तक कई रेडियो नाटक एवं कार्यक्रम श्रृंखला लिखने का अवसर प्राप्त हो चुका है. D
पुरानी कहावत है कि किसी को गलत कहने से पहले अपनी चारपाई के नीचे डंडा जरुर घुमा लेना चाहिए।
10 अक्टूबर 2015
धन्यवाद, गिरिजा जी !
8 अक्टूबर 2015
हम दूसरों को जानने समझने मैं सारी ऊर्जा ख़त्म कर देते हैं. खुद को समझने का वक़्त ही कहाँ निकल पाते हैं. यही वज़ह है कि हम कामयाब जिंदगी नहीं जी पाते.
8 अक्टूबर 2015