साल 2014 में जब लोकसभा चुनाव हुए और पूर्ण बहुमत से नरेंद्र मोदी ने भाजपा की जीत दर्ज की तो हर किसी को नरेंद्र मोदी से ढेर सारी उम्मीदें हो गईं. इन उम्मीदों को मोदी सरकार ने एक के बाद एक पूरा करने की कोशिश की लेकिन फिर भी लोगों को उनसे और भी उम्मीदें हैं. इन बातों को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार में सवर्ण आरक्षण बिल संसद में रखा और वो पास भी हो गया है और ये 31 जनवरी से शुरु हो रहे बजट सत्र में जनता के सामने रखे जाएंगे. ये मोदी सरकार का आम जनता के लिए खास तोहफा हो सकता है. इन तोहफों को लोकसभा चुनाव 2019 के पहले आम जनता को रिझाने का एक जरिया हो सकता है. अब 8 बड़े ऐलान करके जनता को बड़ी राहत देने जा रही मोदी सरकार, इनके बारे में आपको जरूर जानना चाहिए.
अब 8 बड़े ऐलान करके जनता को बड़ी राहत देने जा रही मोदी सरकार
किसानों और बेरोजगारों को वेतन
केंद्र सरकार किसानों को बहुत ही जल्द दो तोहफे देगी जिसकी घोषणा अगले हफ्ते या बजट से पहले होगी. इसमें जहां किसानों को मंथली सैलरी मिलेगी वहीं खेती के लिए ब्याज मुक्त लोन भी मिलेगा. दूसरी ओर बेरोजगारों को भी हर महीने उनके खाते में एक निश्चित राशि ट्रांसफर की जाएगी, जिससे उनका जीवन अच्छे से गुजर सके और वो नौकरी तलाशने तक किसी परेशानी से ना गुजरें.
हर महीने मिलेगी इतनी तनख्वाह
हर सीजन में किसानों को प्रति एकड़ चार हजार रुपये मिलेंगे और रुपया सीधे किसानों के खाते में जाएगा, हालांकि ये रुपया किसानों को कुछ शर्तों के साथ दिया जाएगा. इन रुपयों की मदद से किसान खेती के समय होने वाले खर्च को आसानी से पूरा कर पाएंगे. खेती के दौरान किसानों का ज्यादा खर्च बीज, खाद, सिंचाई और फसल की पैदावार होने पर मंडी तक की जाने वाली ढुलाई के लिए होता है.
किसानों के लिए होगा ब्याज मुक्त लोन
केंद्र सरकार किसानों को ब्याज मुक्त लोन देने का एलान भी होगा जिससे किसानों पर ज्यादा आर्थिक बोझ नहीं होगा. किसानों को एक लाख रुपये का लोन बिना किसी ब्याज के दिया जाएगा. ब्याज मुक्त लोन देने से सरकार पर करीब 2.30 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा लेकिन किसानों के बढ़ते सुसाइड केस को देखते हुए लिया जाएगा. सरकार इसकी घोषणा यूनिवर्सल बेसिक इनकम (यूबीआई) के तहत करने वाली है.
साल 2019 के चुनाव पर नजर
केंद्र सरकार की अब सीधे नजर मई 2019 में होने वाले लोकसभा पर है और इसलिए ही सरकार इस बजट में ये योजना की भी घोषणा करना चाहती है. एनडीए एक बार फिर से भारी बहुमत से जीत सकें और आपको बता दें मोदी सरकार इस स्कीम पर दो साल से काम कर रही है. भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रमण्यन ने 29 जनवरी 2018 को इस बारे में बताया था कि अगले सालों में 2 राज्यों में यूनिवर्सल बेसिक इनकम की शुरुआत होगी और सुब्रमण्यन ने 2016-17 के आर्थिक सर्वे में इसकी सिफारिश की थी।
इनकम टैक्स में छूट
सरकार इनकम टैक्स को लेकर भी एक बड़ा फैसला ले सकती है, जिसके अंतर्गत आयकर छूट की सीमा को ढाई लाख से बढ़ाकर तीन लाख रुपये तक किया जा सकता है. बुधवार को ही उद्योग संगठन सीआईआई ने आयकर छूट सीमा को पांच लाख रुपये करने की मांग की थी.
जीएसटी में हो सकते हैं बदलाव
निर्माणाधीन मकानों पर अभी लगने वाली 12 प्रतिशत जीएसटी में आधे से ज्यादा हिस्सा इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के रूप में बिल्डर को वापस कर दिया जाता है. ऐसे में वास्तविक जीएसटी सिर्फ 5-6 फीसदी की ही होती है, जबकि बिल्डर खरीदारों को आईटीसी का लाभ नहीं देते हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए डिपार्टमेंट ने 80 फीसदी इनपुट पंजीकृत डीलर से खरीदने वाले बिल्डर पर 5 फीसदी जीएसटी लगाने पर विचार कर सकती है.
जेटली ने दिए थे संकेत
पिछले दिनों वित्त मंत्री ने कहा था कि जीएसटी परिषद की अगली बैठक में टैक्स की दरों को कम करने होगी. इसमें 28 फीसदी स्लैब में आने वाली वस्तुओं की संख्या घटाने, निर्माणाधीन मकानों पर जीएसटी दर कम करने और एमएसएमई के लिए मौजूदा सीमा 20 लाख को बढ़ाने पर फैसला लिया जा सकता है.
होम लोन होगा सस्ता
1 अप्रैल से आम जनता को बड़ा तोहफा दिया जाएगा जिसमें भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सभी प्रकार के लोन की ब्याज दर को लेकर ये बड़ा फैसला किया है. इस नियम के मुताबिक होम, पर्सनल और सूक्ष्म व लघु उद्योगों के लिए ब्याज दर के लिए किसी भी बैंकों पर निर्भर नहीं रहना होगा.