‘मैं खुद को खोजते हुए दुनिया भर में भटकता रहा. और इस औरत के खुद को यहीं खोज लिया.’
शेखर कपूर ने बीते दिनों एक वृद्धा की तस्वीर ट्विटर पर शेयर करते हुए ऐसा लिखा. एक नज़र देखकर लगता है कि कौन ये औरत और इसके पास कोई स्टार क्यों जाएगा. क्या वो कोई सिद्ध औरत है, कोई ज्योतिषी या कोई गुड लक लाने वाली औरत है? असल में नहीं. ये महज एक चाय वाली है. जिसका छोटा सा खोखा देखकर लगता है कि उसके पास उतने पैसे भी नहीं होंगे जितने किसी मशहूर चाय वाले के पास होते हैं.
शेखर कपूर ने ट्वीट में लिखा कि ये औरत 100 साल की है. और जाने कबसे चाय पिला रही है. यहां तक कि उन्होंने नेहरू को भी चाय पिलाई है. एक ऐसा वाकया जिसे याद करते हए हरदी बाई की आंखें चमक उठती हैं.
हरदी बाई रैकवार खजूराहो के पश्चिमी मंदिर समूह के पास एसबीआई बैंक के सामने झोपड़ी बनाकर रहती हैं. कई साल पहले इनके पति की मौत हो गई थी. जिसके बाद इनके पास कमाई का कोई जरिया नहीं था. तो इन्होंने वहीं पे चाय कि दुकान खोल ली. शेखर कपूर और जैकी श्रॉफ की मानें तो आज भी इनके हाथों में जादू है. इनके हाथों की चाय कि लज्ज़त ही और है!
कहते हैं मुंबई संघर्षों का शहर है. यहां जितने सपने सच होते हैं, उसके सौ गुना रोज मरते हैं. ये आश्चर्य की बात नहीं कि सालों-साल इंडस्ट्री में मेहनत कर स्टार बनने वाले एक सादगी से भरी 100 साल की बुढ़िया के पास मन की राहत पाते हैं.
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