आजकल एक वेबसाइट बड़ी जोरों से चर्चा में है. इसकी दो वजहे हैं. पहली इसका नाम डॉउरी कैलकुलेटर और इसका काम जो है दूल्हे के ब्योरे के हिसाब से दहेज का अनुमान लगाना. दूसरी वजह ये है कि इसके इसी काम के लिए केंद्र सरकार इस पर प्रतिबंध लगाने को विचार कर रही है. वेबसाइट का विपक्षी नेताओं ने भी विरोध करना शुरू कर दिया था. कांग्रेस के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पीएमओ और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को टैग करते हुए लिखा था कि,
“किसी ने मुझे इस वेबसाइट के बारे में बताया. यह शर्मिंदगी भरा है. मैं इस वेबसाइट के निर्माताओं को याद दिलाना चाहता हूं कि भारत में दहेज लेना-देना गैर-कानूनी है. मैं प्रधानमंत्री कार्यालय और महिला बाल विकास मंत्रालय से डॉवरी कैलकुलेटर डॉट कॉम के ऊपर कार्रवाई की मांग करता हूं.”
महिला बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने सिंधिया के इस ट्वीट पर जवाब भी दिया. जांच की बात कही और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद से पत्र लिखकर इस वेबसाइट को ब्लॉक करने को कहा. बनाने वालों के खिलाफ एक्शन की भी मांग की. लेकिन बाद में ये ट्वीट हटा लिया. क्यों हटाया इसकी वजह आखिर में बताएंगे.
क्या है ये वेबसाइट?
हमने इस वेबसाइट को खोला. सबसे पहले इस वेबसाइट पर एक टर्म एंड कंडीशन वाला स्टार लगा था. जिसपर अंग्रेजी में लिखा था- रिश्ते मिलाने वाली आंटियों को समर्पित.
इसके बाद यह दूल्हे की उम्र पूछता है. 23 साल से कम के लोगों के लिए यहां कोई ऑप्शन नहीं है. फिर जाति पूछी जाती है. जाति के बाद काम-धंधा और आमदनी बतानी होती है. कहां से पढ़े हैं, कौन से देश में काम करते हैं, ये भी पूछा जाता है. इसमें चार ऑप्शन हैं. भारत, अमेरिका, भारत से कोई ज्यादा विकसित देश या भारत से कम विकसित देश.
फिर बात आती है रंग की. ऑप्शन में भूरा, गोरा, काला के साथ दो और ऑप्शन हैं. एक पिच ब्लैक जिसके साथ लिखा है जो बिना चांद वाली रात में ना दिखाई दे. और दूसरा गेहुआ जिसमें लिखा है कि गोरा होने के लिए फेयर एंड लवली की जरूरत पड़ेगी.
फिर दूल्हे की लंबाई, पहले कभी शादी के बारे में और लास्ट में पिताजी की नौकरी के बारे में पूछा जाता है. सारी डिटेल डालने पर कैलकुलेटर दहेज की राशि बताता है. इस अमाउंट के बाद आती है एक ज्ञान की बात. इसमें बताया जाता है कि ये दहेज की रकम आपके हिसाब से ठीक है या नहीं. अगर नहीं है तो कैसे इसको इम्प्रूव करना चाहिए. कैसे खुद का एनालिसिस करना चाहिए.
किसकी है ये वेबसाइट?
इस वेबसाइट के बारे में पता किया तो मालूम चला कि इसे बनाया है तनुल ठाकुर ने. तनुल एक जर्नलिस्ट हैं. उनके अनुसार यह वेबसाइट दहेजप्रथा के ऊपर एक व्यंग है. वो किसी भी तरह से दहेज को बढ़ावा नहीं देते. ये वेबसाइट नई नहीं है. मई, 2011 में लॉन्च हुई थी. और पहले भी कुछ न्यूज पोर्टल इस पर स्टोरी कर चुके हैं.
तनुल ने सिंधिया के ट्वीट का भी जवाब देते हुए लिखा कि शांत हो जाइए, यह बस एक व्यंग है. पर वेबसाइट को ट्रैफिक दिलवाने के लिए धन्यवाद.
साथ ही मेनका गांधी के जांच वाले ट्वीट पर भी इन्होंने जवाब दिया है. लिखा कि इसकी जांच के लिए शुभकामनाएं. मैंने अपनी तरफ से सफाई दे दी है. अगर कोई और सवाल हो तो मुझे जरूर बताएं.
इस जवाब के बाद मेनका गांधी ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया. लेकिन कहा कि दहेज जैसी कुप्रथा के ऊपर मजाक करना गलत है. वेबसाइट के बारे में तनुल का कहना है कि डॉउरी रेट कैलकुलेट करने पर आने वाला व्यंग दहेज के विरोध में उनका मत है. और वो इस व्यंग से ही इस कुप्रथा का विरोध करते हैं.