15 मई को वाराणसी में एक फ्लाईओवर गिर गया था. 18 लोगों की मौत हो गई थी. लोग इस घटना को भूले भी नहीं थे कि यूपी में एक और फ्लाईओवर गिर गया है. अबकी बार घटना घटी है वाराणसी से 200 किलोमीटर दूर बस्ती में. बस्ती जिले के पास फुटहिया इलाके में, जहां से लखनऊ-गोरखपुर नेशनल हाईवे-28 गुजर रहा है. इसी पर बन रहे फ्लाईओवर का एक हिस्सा 11 अगस्त की सुबह तब गिर गया जब उसकी शटरिंग खोली जा रही थी. इसके मलबे के नीचे दो लोग फंस भी गए और 4 लोगों के घायल होने की बात बताई जा रही है. हालांकि रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद फंसे लोगों को सही-सलामत निकाल लिया गया है. बस्ती के डीएम राजशेखर ने मौके पर पहुंचकर जांच के आदेश दिए हैं. एक हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है.
गड़बड़ी की बात पहले ही पता थी?
फ्लाईओवर का ये हिस्सा अब गिरा, मगर इसके निर्माण में गड़बड़ी की बात दो महीने पहले ही सामने आ चुकी थी. इसके निर्माण में खराब मैटेरियल और लापरवाही के आरोप लगे थे. तब देखा गया था कि इसका बाक्सिंग स्लाईडर दरक रहा है. इसकी जानकारी लोगों ने मौके पर मौजूद इंजीनियरों को दी भी थी, पर वो सुनने को तैयार ही नहीं थे. इस गड़बड़ी की शिकायत डीएम राजशेखर तक भी पहुंची थी. उन्होंने एक हफ्ते पहले ही फ्लाईओवर का निरीक्षण कर इंजीनियरों को जरूरी निर्देश भी दिए थे, मगर कुछ नहीं हुआ. और अब नतीजा सबके सामने है. और ये नतीजा हैरान करने वाला है. मतलब जिम्मेदारों को पता था फिर भी चीजें नजरअंदाज की गईं. कहां ये पुल एक महीने बाद जनता को समर्पित करने की तैयारी थी, कहां इसने आत्मसमर्पण कर दिया. खैर अच्छा ही हुआ. वरना इसके शुरू होने के बाद ऐसा कोई हादसा होता तो कई जानें जातीं.
कौन बना रहा था फ्लाईओवर?
सबसे बड़ा सवाल आपके मन में यही आ रहा होगा कि इसे बना कौन रहा था. तो बता दें फ्लाईओवर बनाने का काम अबकी बार पीडब्ल्यूडी नहीं बल्कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के अंतर्गत हो रहा था. नैशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने इसका ठेका हैदराबाद की एक केएमसी नाम की कंपनी को दिया था. मगर इसके बाद शुरू हो गया बंदरबांट का खेल. क्योंकि केएमसी ने ये काम खुद करने के बजाए दूसरी कंपनी वीसीपीएल को दे दिया. वीसीपीएल ने भी इस पुल को नहीं बनाया. उसने उठा के ये काम सौंप दिया बस्ती के ही लोकल ठेकेदारों को. अंत में जो हुआ वो आपके सामने है. पुल गिर गया.
बताया जा रहा है कि पुल का 80% निर्माण पूरा हो चुका था. बस 20% बचा था, मगर 80% काम में कितना किया गया और उसके नाम पर कितना कमीशन काटा गया. किस क्वॉलिटी का काम हुआ. ये जांच का विषय है. डीएम राजशेखर ने इसी आशंका के तहत एनएचएआई को जांच के आदेश देने के साथ ही एक प्रशासनिक टीम भी बना दी है जो इस फ्लाईओवर के गिरने के पीछे के कारण तलाशेगी. एक हफ्ते में रिपोर्ट मांगी गई है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी घटना की जानकारी मिलने के बाद तत्काल राहत कार्य शुरू करने और यातायात सुचारू कराने के निर्देश दिए हैं. पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर योगी सरकार पर निशाना साधा है. क्या कहा, ट्वीट में देखें –