न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क: जीवन में सफल होने के लिए सिर्फ कुछ बातें जरूरी होती हैं जो हैं लगन और जज्बा। अगर आपके मन में ये दोनों चीजें हैं और जीवन में सफल होने के लिए कुछ करने की चाह है तो आप कभी भी असफल नहीं होएंगे। आपकी मेहनत और लगन के बलबूते आप अपने सभी सपनों को पूरा कर सकते हैं।
आपने अक्सर फिल्मों में देखा होगा कि कैसे कोई बच्चा एक छोटे से गांव और घर से निकलकर एक बड़ा पुलिस अफसर बन जाता है और देश की सेवा करता है, लेकिन हम आपको बता दें कि ऐसा सिर्फ फिल्मों में ही नहीं होता है बल्कि असल जिंदगी में भी कई लोगो के साथ ये होता है और इसके पीछे होता है उनका दृढ़ विश्वास और मेहनत। आज हम आपको एक ऐसी ही एक लड़की के बारे में बताएंगे जो एक छोटे से गांव से निकलकर आईपीएस अफसर बन गई।
हिमाचल के ऊना के ठठ्ठल गांव में जन्मी शालिनी अग्निहोत्री का जन्म 14 जनवरी 1989 में हुआ था। बचपन से ही शालिनी ने देश की सेवा करने का सपना देखा था और आज उसको पूरा कर दिखाया है। बता दें कि शालिनी आज एक आईपीएस अधिकारी बन गई हैं। ना सिर्फ आईपीएस अधिकारी बल्कि शालिनी की आईपीएस की सर्वेश्रेष्ठ ट्रेनी की खिताब भी अपने नाम कर लिया है। शालिनी अपने बैच की सर्वश्रेष्ठ आलराउंडर ट्रेनी चनी गई हैं जिसके लिए उनको प्रधानमंत्री के प्रतिष्ठित बेटन और गृह मंत्री की सर्वश्रेष्ठ रिवाल्वर देकर उनको सम्मानित किया गया है।
बता दें कि शालिनी के पिता एचआरटीसी बबस में कंडक्टर हैं और उनकी मां हाउसवाइफ हैं। शालिनी की बचपन की पढ़ाई धर्मशाला के डीएवी से हुई जिसके बाद उन्होंने हिमांचल प्रदेश एग्रीकल्चर यूनीवर्सिटी से अपना ग्रेजुएशन कम्पलीट किया। जिसके बाद शालिनी UPSC की पढ़ाई करने लगी। शालिनी को पता था कि ये एग्जाम काफी कठिन होता हैं और इसको निकालने के लिए लोग ना जाने कितने साल लगा देते हैं। लेकिन शालिनी ने अपनी पूरी मेहनत और लगन के साथ पढा़ई की बल्कि इस परीक्षा को पास कर दिखाया। शालिनी इस परीक्षा की तैयारी कर रही हैं इस बात का पता उनके घर वालों को भी नहीं था।
शालिनी ने साल 2011 में परीक्षा दी और रिटन क्वालिफाई करने के बाद साल 2012 में इंटरव्यू दिया जो क्लियर हो गया और ऑल इंडिया लेवल पर शालिनी ने 285वीं रैंक हासिल की। दिसंबर 2012 में ही शालिनी हैदराबाद अपनी ट्रेनिंग के लिए चली गई, बता दें कि शालिनी अपने बैच की टॉपर रही थीं। इस वक्त शालिनी की पोस्टिंग कुल्लू है और वहां पर वो सुपरिटेडेंट ऑफ पुलिस की सेवा दे रही हैं।
शलिनी ने बताया कि उनकी इस सफलता का पूरा श्रेय उनके घरवालों को जाता है, उनके माता-पिता ने हमेशा उनका सपोर्ट किया और कभी किसी तरह की रोक-टोक नहीं की, इसलिए आज वो इस मुकाम पर पहुंच पाई हैं। शालिनी ने बताया कि आज जब वो किसी केस को सॉल्व कर लेती हैं और मुजरिम को सजा मिलती हैं तो उन्हें बेहद खुशी मिलती है।