”मेरे लिए इसके बहुत ज़्यादा मायने नहीं थे। जो सोशल मीडिया पर एक बहुत बड़ा मुद्दा बन गया। ड्यूटी पर मैं जब भी उन्हें (अपनी बेटी) देखता हूं सलाम करता हूं, लेकिन घर पर हम दोनों बाप-बेटी होते हैं।” ये शब्द उस पिता के हैं जिनकी बेटी को सैल्यूट मारने की कहानी सोशल मीडिया पर वायरल है। दरअसल, कहानी सुनने में बहुत सपाट है, लेकिन पढ़ने पर हर किसी को बाप-बेटी की इस जोड़ी पर फ़ख्र महसूस हो रहा है। एक पिता हैं जो डीसीपी हैं और बेटी एसपी। परिवार तेलंगाना का है।
किसी भी बेटी के लिए उसके पिता ही पहले हीरो होते हैं। वह अपनी हर समस्या के समाधान के लिए, समर्थन के लिए, प्रेरणा के लिए अपने पिता की ओर ही देखती है। और किसी भी पिता के लिए उससे ज्यादा गर्व की बात और क्या हो सकती, जब उसके बच्चे जिंदगी में सफलता पाने में उनसे भी आगे निकल जाते हैं। कुछ ऐसा ही नज़ारा तेलंगाना में देखने को मिला, जब डीसीपी पिता ने गर्व से अपनी एसपी बेटी को सलामी ठोका और वह भी हजारों लोगों की भीड़ के सामने। पिता-पुत्री के बीच प्यार और सम्मान को दर्शाता यह पल सच में बेहद प्रेरणादायक है।
गौरतलब है कि हैदराबाद के पास कोंगरा कलां में तेलंगाना की रूलिंग पार्टी टीआरएस की एक जनसभा हो रही थी। यहां वर्दी में तैनात एक डीसीपी पिता ने जब अपनी एसपी बेटी को सैल्यूट किया तो वहां मौजूद हजारों लोगों के चेहरे पर मुस्कान आ गयी। यह शख्स कोई और नहीं राशाकोंडा कमिश्नरी के मलकानगिरी के पुलिस उपायुक्त उमा मेहश्वरा शर्मा थे जो अगले साल रिटायर होने वाले हैं। उन्होंने सब इंस्पेक्टर की नौकरी से शुरुआत कर 30 वर्षों तक सेवा देने के बाद डीसीपी पद तक का सफ़र तय किया।
उनकी बेटी सिंधू शर्मा मौजूदा समय में तेलंगाना के जगतियाल जिला में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात हैं। उनकी बेटी का आइपीएस में चयन चार साल पहले ही हुआ। 2014 बैच की आईपीएस अधिकारी सिंधू अपने पिता को ही अपना आदर्श मानती हैं और उनके ही नक्शेकदम पर चलते हुए उसने पुलिस सेवा ज्वाइन करने का निश्चय किया। जब दोनों पिता और बेटी तेलंगाना राष्ट्र समिति के कोंगारा कालन इलाके में एक समारोह में आमने-सामने आए तो पिता ने गर्व के साथ बेटी को सैल्यूट किया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि यह पहली बार है जब दोनों एक पब्लिक समारोह में सबके सामने आए और उन्होंने वही किया जो अक्सर करते हैं। हालाँकि यह पहली बार नहीं है जब उन्हें अपनी बेटी के सामने ऐसे पेश होने का मौका मिला है। वह जब भी ड्यूटी के दौरान अपनी बेटी के सामने आते हैं तो सेल्युट करते हैं और अपने कर्तव्य का पालन करते हैं। वहीं जब घर पर होते हैं तो उनका रिश्ता एक सामान्य बाप-बेटी वाला होता है।
स पूरे मामले पर पिता उमामहेश्वर सर्मा ने उस पल के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा, “उस प्रोग्राम में डीसीपी होने के कारण मेरी सिक्योरिटी में ड्यूटी लगी थी क्योंकि सीएम आने वाले थे। बेटी वहां पहले से पहुंची हुई थी। उनके सामने आते ही मेरा हाथ सैल्यूट के लिए उठ गया। इस बारे में हमने कभी सोचा नहीं, न कभी बात की। वो पल था जो बस बीत गया।” डीसीपी उमामहेश्वर सर्मा कहते हैं कि ”हम दोनों ही अपनी ड्यूटी कर रहे थे। लेकिन हमें नहीं पता था कि ये पल कोई रिकॉर्ड भी कर रहा है। जब हम सामने आए तो हमने ध्यान भी नहीं दिया कि सामने बेटी है। वो मुझसे वरिष्ठ अधिकारी हैं, वो आईपीएस हैं और मैं डीसीपी तो मुझे उन्हें सैल्यूट करना ही था।” एक पिता के लिए ये पल बहुत ही गर्व करने वाला होता है। हर पिता की ख़्वाहिश होती है कि उन्हें उनके बच्चों के नाम से जाना जाए।
स्थानीय मीडिया को दिए इंटरव्यू में एसपी सिंधु सर्मा कहती हैं, ”हम दोनों के लिए ये बहुत ही असाधारण-सा पल था। एक-दूसरे को देखकर प्रभावित तो हुए थे, लेकिन इस बात की खुशी भी है कि इस वर्दी को पहनने की जो घर की एक परंपरा है उसे कायम रख पाई।” सिंधु बताती हैं कि पिता अगले साल रिटायर हो रहे हैं और साथ काम करने का ये अच्छा मौका था। हालांकि बीबीसी ने जब सिंधु से सम्पर्क किया तो उन्होंने ज़्यादा बात नहीं की। बस इतना कहा, “ये बहुत ही भावनात्मक पल था, लेकिन इसके तुरंत बाद ही हम अपने-अपने काम पर लौट गए।” हालांकि डीसीपी सर्मा बताते हैं कि उस एक पल का कोई वीडियो उनके पास नहीं है। तो फिर इस वायरल ख़बर के बारे में उन्हें कैसे पता चला? इस सवाल के जवाब में डीसीपी सर्मा कहते हैं, “रविवार को सुबह नाश्ते के टेबल पर दोनों बाप-बेटी नाश्ता कर रहे थे उस वक़्त अख़बार में ये ख़बर पढ़ी। लेकिन न तो बेटी ने उस पर कुछ कहा और न ही मैंने कोई सवाल पूछा।