आज चार महीने हो गये लेकिन लगता है कल की ही बात है... जैसे कोई हसीन खुशनुमा ख़्वाब था जो पल भर रहा और पल भर में ही गुज़र गया। बात है अक्टूबर के ट्रेन के उस सफ़र की जिस ने जिसने मेरी ज़िंदगी में एक अधूराप
भारत का ईस्ट वेस्ट मेट्रो: अंडरवाटर इंजीनियरिंग का एक अविश्वसनीय कारनामा भारत इंजीनियरिंग के कई प्रभावशाली कारनामों का घर है, और इस सूची में नवीनतम परिवर्धन में से एक देश की पहली अंडरवाटर ट्रेन है।
मेरा जन्म एक गरीब परिवार में हुआ मेरे पापा मजदूरी करके हमारा पेट पाल रहे थे हम पांच भाई बहिन है बड़ी मै हूं मेरी 12 वीं तक पढ़ाई सरकारी स्कूल में हुई बाद मै मैने पास के शहर में नौकरी करके आगे की पढ़ाई
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राजस्थान की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना किया। सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने वीर भूमि
गांव लौट चलेबंद कमरे में घुटता जीवनचलो चलें उजालों की ओरजहां मिलती थी स्नेह से सिंकी रोटियांमटके के जल सेमन की प्यास बुझ जाती थीआओ मेरे प्रियसंग लौट चले गांव की ओर!जहां बहती पवन पुरवाईगंगा के जल से स्
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने घोषणा की है कि भारतीय डिग्रियों को अब ऑस्ट्रेलिया में मान्यता दी जाएगी. उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया और भारत सरकार ने ऑस्ट्रेलिया-भारत शिक्षा योग्यता
वे कहते हैं न कि "अपने पिछले इतिहास, उत्पत्ति और संस्कृति के ज्ञान के बिना, एक व्यक्ति जड़हीन वृक्ष के समान होता है।" किसी ने बताया कि विष्णुपुर शहर को प्राचीन मंदिरों का शहर कहा जाता है एवं प्राचीन म
विविधताओं से भरे भारत में आपको हर स्थान, शहर और राज्य में एक नई संस्कृति, भाषा, पहनावा और परंपरा देखने को मिलती है। यहां के हर जगह की अलग कहानी और अलग मान्यता है। भारत की भौगोलिक स्थिति के कारण ही यह
नदी के दो खूबसूरत किनारों की तरहचल रहे हैं हम साथ साथहमारी सोच अलग ,हमारे सपने अलगहमारी बातें अलग ,हमारे अंदाज अलगनहीं मिल सकते हम कभीपर फिर भी चल रहे हैं साथ-साथऐसी ही है ज़िंदगीचलते रहते हैं ह
उसे इंतेज़ार रहता है उस इक हसीन लम्हे का । वो लम्हा जो शायद जिंदगी के मायनों से मिला दे , जिंदगी का मतलब बता दें या फिर जिंदगी के उन गुत्थियों को सुलझा दे जिनसे मुंह मोड़ लिया है उसने । अपनी ही दुनिया म
वहां कौन है तेरा मुसाफिर जाएगा कहाँ, दम ले ले घड़ी भर ये छैया पायेगा कहा ।इस नग़मे में नायक को जीवन के सफर में दौड़ते हुए सुकून की छांव की इत्तला दी जा रही है ।जी हां सुकून !! जो पसर जाए तो मानो हर
बेटियां ही नहीं बेटे भी पराए होते हैं। बेटियां ही नहीं बेटे भी घर छोड़ कर जाते है उठकर पानी तक ना पीने वाले,,,,। आज अपने कपड़े खुद ही धो लेते हैं,वह जो कल तक घर के लाडले थे आज अकेले में रोते हैं ! सिर्
दिनांक 9/9/22 दिन-शुक्रवार प्यारी दिलरूबा कैसी हो तुम आज तो तुमसे बातें करने के लिए मैं कुछ जल्दी ही आ गई हूं,,,वो इसलिए टॉपिक देखकर मुझे एक संस्मरण याद आ गया टॉपिक तो तुम जानती हो ना,,,, रेल यात्
हर सुबह हमें नया संदेश देती है।नये जीवन के लिए नई सांस देती है।करती है हर दिन भानु का अभिनन्दन।शशि की विदाई कर शुरुआत करती है।।हमें कहती हैं उठो जागो और बढो मंजिल की ओर।खग चहचहाने लगे हैं तरू पर हो गय
याद हो आती है वो पहली फ़िल्म जिसे देखने के दौरान मानो शरीर की सुध बुध तक खो गयी थी । कथानक की बढ़ती गति में नायिका राधा का नई नवेली दुल्हन के रूप में अवतरण और घर की जिम्मेवारियों को निभाते ह
मैं काफी लंबे समय से समय यात्रा पर काम कर रहा हूं .वैज्ञानिकों के अनुसार बिना किसी माध्यम (टाइम मशीन) के समय यात्रा करना संभव नहीं है . लेकिन मेरा मानना है कि समय यात्रा का टाइममशीन या ब्रह्मांड से को
ट्रैन में बहुत देर तक सोने के बाद जब नींद खुली, मै अनजान से स्टेशन पर था पहले तो समझ हीनहीं आया मैं कहा पहुंच गया था | पिछले दो दिन से बस यूँ सफर किये जा रहा था बिना किसी मकसद बिना किसी कारण ,,
जहाँ मित्रता कि नीव विश्वास से भरी हो जिसमें समय की खाद लगी हो जो धूप और छाया प्रेम और कटुता से सजी हो जैसे शीतल पवन वैसे आनंदमयी हो धरती गगन सी विलखता जिनमे ऐसी दो नदियो
कहते हैं लोग ख्वाब मे मै गीत लिखा करता हूँ अपने दुश्मन को भी मै तो मीत लिखा करता हूँ बदलकर जब दिनो के फेर आते हैं मकड़ी के जाल मे भी शेर आते हैं तक़दीर तेरे दिये हर पल को मैं रीत लिखा करता हूँ दोस्तों
दुल्हनिया एक तरफ रख दो एक तरफ रख दो माल मुंह भर भर के क्यो दूल्हा मांगे कैसे हो वो कंगालएक हाथ में हाथ दुल्हन का दूजे हाथ दहेज 10 तोले सोना देकर अपने साथ हमारी भेजकदमों में जो रख