भारतीय रेल है जीवन रेखा,हम भारत के लोगों की,हम सब इस पर गर्व करे हैं,सीख ये देती सह-जीवन की।कभी न थकती कभी न रुकती,दिन-रात है चलती जाती,बिना भेदभाव के देखो,सबको मँजिल पर पहुंचती।पूरब से पश्चिम तक चलती
काबिल बनूं तेरे में तू पहाड़ है जरूर पर हम भी छेनी हथौड़ी है , तोड़कर रास्ता बना लेंगे 🌹✍️✍️ निशांक एक बहोत काबिल लड़का है , वह अपने आने वाले एग्जाम क
16/6/22प्रिय डायरी, आज मैंने शब्द.इन पर रेलयात्रा पर कविता लिखी है।रेलयात्रा अर्थात रेल के द्वारा यात्रा करना। रेल मार्ग जिसमें दोनों ओर पट
निर्जला एकादशी को हिंदू धर्म में बहुत पावन तिथि माना गया है ।यह तिथि इस बार 10 जून 2022को आई थी ।में इस दिन अपने घर पर ही था लेकिन इस पावन दिन को मैने अपने प्रभु श्याम खाटू के दर्शन का मन बनाया
#Fulbright Kalam Climate Fellowship for Doctoral Research 2023-24 #Misc #Scholorship http://educratsweb.com/content.php?id=663 #AICTE Information Technology Internship 2022 #Misc #Scholorship
काश कि एक बार गया होता। मेघा ने रोहन के बैग में टिपिन रखते हुए कहा कि बच्चो की समर वेकेशन हो गयी है, बहुत दिन से आउटिंग भी नही हुई है, पड़ोसी रीना दीदी पूरे परिवार के साथ साउथ इंडिया घूमने ज
22 मई 2022 रविवार समय 11:00 (रात)मेरी प्यारी सहेली, गर्मियों की छुट्टियों की शुरुआत के साथ ही दादी नानी के दरवाजे खटखटाएं जा रहे हैं। इस समय तो टिकट म
*अब तो आन पड़ी है*अकबर बादशाह को मजाक करने की आदत थी। एक दिन उन्होंने नगर के सेठों से कहा-”आज से तुम लोगों को पहरेदारी करनी पड़ेगी।”सुनकर सेठ घबरा गए और बीरबल के पास पहुँचकर अपनी फरियाद रखी।बीरबल ने उ
है धरा उदघोष करती लालिमा आकाश की । शुष्क होते ताल पोखर क्यों प्रतीक्षा प्यास की । चूक गया गर आज फिर तु कल कहाँ से पाएगा ? खुद उठो तिनके जुटाओ , घर परिंदों का बनाने कौन आएगा ? यह जमाना है तेरे संग ज
मेरी यूरोप यात्रा यात्रा करना मानव की मूल प्रवृत्ति है। हम अगर मानव इतिहास पर नजर डाले, तो ज्ञात होगा कि मनुष्य के विकास की यात्रा में, यात्रा का महत्वपूर्ण योगदान है। अपने
"पहले हम अंग्रेजो के गुलाम थे और आज हम अंग्रेजी के गुलाम हैं"ये ऊपर लिखी लाइन मेरी नहीं है इसे कहीं सुना था मैंने ,पर ये नीचे लिखी कहानी जीवन का सत्य है जिसे मैंने लिखा है 🙏🙏🙏समय निकाल कर अवश्
कैला मैया का मंदिर राजस्थान के करौली जिले में जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर है । मान्यता है कि यह मंदिर मां अंबे का ही है । वैसे तो जितने भी देवी के मंदिर हैं, वे सभी मां अंबे, गौरी, शारदे को
सखि, इंटरनेट किस तरह आदमी की जिंदगी बन गया है , यह मुझे कल पता चला । हुआ यूं कि कल दुर्गाष्टमी थी । हम लोग दुर्गाष्टमी की पूजा करते हैं । तो कल भी पूजा करनी थी । सुबह जैसे है मैं जगा, श्रीमत
कुछ भूली-बिसरी यादों में,जीवन को जी रहे।कुछ कड़वे अनुभव थे, कुछ मीठे मिल रहे।अभी अधूरी जिंदगी,अधूरी पड़ी है डायरी।कुछ अभी लिख रहा, कुछ लिख रहा शायरी।कुछ अपने मिल गये, कुछ पराये पाये है।इस जिंदगी की भी
बात उन दिनों की है जब मैं 19 साल का था । मैं उस समय दिल्ली के करोल बाग के देव नगर मोहल्ले में रहता था ।और बाली नर्सिंग होम में कंपाउंडर का काम करता था ।बड़े डॉक्टर से किसी बात पर कहासुनी हो गयी और मैंन
परीक्षा अब काबिलियत मापने का हिस्सा भर नहीं रहा ,इससे मापे जाते है अथक संघर्ष और उम्मीदों के अटूट विश्वास ।
दिनाँक : 14.03.2022समय : रात्रि 10 बजेप्रिय डायरी जी,कल अपनी मुंबई कलीग के साथ मथुरा जाना हुआ। 2 km पहले ही गाड़ी पार्क करा दी गई क्योंकि आगे नो एंट्री थी। दर्शन के लिए श्री कृष्णा जन्मस्थान गए।
दिनाँक: 11.03.2022समय : शाम 7:30 बजेप्रिय डायरी जी,कभी कभी हम बहुत कुछ प्लान करते रहते हैं, और वह नही कर पाते। और कभी-कभी ऐसा होता है कि अचानक से कुछ सोचते हैं और वह हो जाता है। मेरी कुछ कुलीग मु
9 मार्च 2022 बुधवारसमय-06:05(शाम)मेरी प्यारी सखी,आज इतने दिनों बाद हमारी पुनः वापसी हैं। कल से हम सभी अपने कामों में व्यस्त हो जाएंगे। बच्चे अपनी पढ़ाई में, तो हम घर गृ