शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने यहां स्वर्ण मंदिर की सामुदायिक रसोई में कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए बायोगैस संयंत्र लगाने का फैसला किया है. स्वर्ण मंदिर के रोजाना मामलों से निपटने वाली संस्था एसजीपीसी ने आज कहा कि इस धार्मिक स्थल को पर्यावरण अनुकूल बनाने के मकसद से यह कदम उठाया गया है. एसजीपीसी के सचिव दलजीत सिंह बेदी ने बताया कि हर दिन करीब एक लाख श्रद्धालुओं को भोजन खिलाने वाली स्वर्ण मंदिर की सामुदायिक रसोई चलाने के लिए बायोगैस संयंत्र लगाया जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘‘हर दिन करीब एक लाख लोगों को भोजन खिलाया जाता है. एसजीपीसी वर्षा के जल का संचय भी शुरू करना चाहती है.’’ परियोजना के बारे में बात करते हुए अमृतसर नगर निगम आयुक्त सोनाली गिरी ने कहा कि हिंदुस्तान पेट्रोलियम कोरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के साथ मिलकर यह संयंत्र लगाया जाएगा.
उन्होंने बताया कि इस उद्देश्य से स्थान का निरीक्षण करने के लिए एचपीसीएल की एक टीम ने दौरा किया. बेदी ने बताया कि मौजूदा समय में सारा भोजन एलपीजी सिलेंडरों पर बनाया जाता है जिसमें हर दिन करीब 100 यूनिट खर्च होते हैं. कभी-कभार एसजीपीसी भोजन पकाने के लिए लकड़ियों का भी इस्तेमाल करती है.