गिरीश मालवीय
कोई व्यक्ति देश के प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए इस कदर कैसे झूठ बोल सकता है क्या पद की गरिमा का उसे जरा सा भी ख़याल नही है प्रधानमंत्री मोदी के ऑफिस पीएमअओ से ऑफिशियल ट्विट किया गया कि ‘आजादी के बाद 67 सालों में 65 एयरपोर्ट बने जबकि पिछले चार साल में 35 एयरपोर्ट चालू हुए और अब उनकी संख्या 100 पहुंच गई है। यानी पिछली सरकारों में हर साल एक एयरपोर्ट भी नहीं बना जबकि उनकी सरकार में हर साल नौ हवाईअड्डे चालू हुए’
अब सरकारी आंकड़ों से ही हकीकत समझिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय की 2013-14 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार देश में 31 मार्च, 2014 तक के आंकड़ों के मुताबिक एएआइ के पास 125 हवाईअड्डे थे। इनमें से 94 चालू हालत में थे और 31 बंद पड़े थे। ओर पिछले दिनों लोकसभा में 19 जुलाई, 2018 और 8 अगस्त, 2018 को दिए गए जवाब के अनुसार 129 हवाईअड्डों में से 101 चालू हालत में हैं जबकि 28 बंद पड़े हैं।
यानी यह बिल्कुल साफ है कि पिछले चार साल में सात हवाईअड्डे चालू किए गए हैं ओर सिक्किम के पाक्योंग हवाईअड्डे की बात की जा रही है उस एयरपोर्ट का काम 83 फीसदी काम 2014 में पूरा हो गया था। सिर्फ बचा हुआ 17 फीसदी काम साढ़े चार साल में पूरा हुआ है और इसे अपनी महान उपलब्धि बताया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी के राज में यह जो झूठ बोलने की संस्कृति विकसित हुई है यह बहुत खतरनाक है इसका असर ऊपर से नीचे की तरफ आया है भाजपा सरकार के मंत्री खुलकर झूठ बोल रहे हैं क्योंकि उन्हें मालूम है कि उनका सरदार ही झूठो का सरदार है। मोदी जी के झूठे साबित हुए बयानों की बहुत लंबी फेहरिस्त हैं उन्होंने लाल किले से भी झूठ बोला है चुनावी रैलीयो की बात तो छोड़ ही दीजिए
उनके कुछ प्रसिद्ध झूठ पेश ए खिदमत हैं
विश्व प्रसिद्ध तक्षशिला या टेक्सिला विश्वविद्यालय बिहार में था।
चीन अपनी जीडीपी का 20 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च करता है।
सिकंदर महान को गंगा नदी के तट पर बिहारियों ने हराया था।
गुजरात में देश में सबसे अधिक विदेशी पूंजी निवेश होता है।
नर्मदा पर बांध बनने पर लोगों को मुफ्त बिजली मिलेगी।
जब शहीद भगत सिंह, बटुकेश्वर दत्त और वीर सावरकर देश की आजादी के लिए जेल में लड़ रहे थे,कोई कांग्रेस नेता उनसे मिलने नही गया था।
कबीर, गुरुनानक और बाबा गोरखनाथ एक साथ बैठ कर सत्संग करते थे।
एक हफ्ते में 8 लाख 50 हजार शौचालय हमने बनाए।
प्रधानमंत्री मोदी अगर इसी रफ्तार के साथ झूठ बोलते हुए रहे तो शायद 20 साल बाद जब बच्चे परीक्षा देने जाएंगे तो उनके प्रश्न पत्र में ऐसे प्रश्न आएंगे ‘इतिहास पर बोले गए मोदी के पांच झूठ का विवरण दीजिए’ अथवा अर्थव्यवस्था पर आधारित मोदी जी के पांच झूठ का विश्लेषण कीजिए?