15 अगस्त 2018. पूरा देश स्वतंत्रता की 72वीं वर्षगांठ मना रहा था. देश के स्कूलों और कॉलेजों और मदरसों में भी स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा था. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के महराजगंज के एक मदरसे में भी तिरंगा फहराया गया. ये मदरसा है मदरसा अरबिया अहले सुन्नत अनवारे तैबा गर्ल्स कॉलेज जो कोल्हुई इलाके में है. यहां पर देश के 72वें स्वतंत्रता दिवस को सेलिब्रेट किया गया और झंडा फहराया गया. लेकिन झंडा फहराने के बाद जब राष्ट्रगान की बारी आई, तो मदरसे में मौजूद मौलाना ने इस्लाम की दुहाई देते हुए वहां मौजूद शिक्षकों और बच्चों को राष्ट्रगान गाने से रोक दिया. इसके बाद वहां मौजूद कुछ लोगों ने मौलाना से कहा कि वो उनसे दीन-इस्लाम की बात न करें, वो लोग राष्ट्रगान गाएंगे. वहीं कॉलेज में मौजूद शिक्षक लगातार मौलाना की इस बात का विरोध करते रहे, लेकिन कुछ देर तक मौलाना की वजह से राष्ट्रगान नहीं हो सका. मौलाना बार-बार राष्ट्रगान गाने की बजाय सारे जहां से अच्छा गाने पर जोर देता रहा, लेकिन मौजूद शिक्षक और बच्चे लगातार उसका विरोध करते रहे. पूरे मामले का वीडियो देखिए.
हंगामे के बाद वहां मौजूद शिक्षक ने फोन करके अधिकारियों को बुला लिया. अधिकारियों के पहुंचने के बाद राष्ट्रगान करवाया गया. मामले की शिकायत पुलिस से भी की गई. एसएसपी आशुतोष शुक्ला ने इस मामले में कहा था कि डीएम अमर नाथ उपाध्याय की ओर से अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी और बीएसए को जांच सौंपी गई है. इसके बाद शिक्षक उमेश यादव की ओर से इस मामले में केस दर्ज करवा दिया गया. केस दर्ज होने के बाद 15 अगस्त की रात को ही पुलिस ने मोहम्मद जुनैद अंसारी, मोहम्मद अज़लूर रहमान और मोहम्मद निजाम को गिरफ्तार कर लिया. सभी के खिलाफ 124A, 153B आईपीसी, राष्ट्रीय गौरव अपमान रोकथाम अधिनियम की धारा 2 और 3, धारा 7 सीएलए और धारा 7 और 67 आईटी ऐक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है.
मौलाना ने विरोध किया, पुलिस ने अपना काम किया. लेकिन सोशल मीडिया पर बैठे ट्रोलर्स को भी एक मुद्दा मिल गया. मुस्लिम समुदाय के खिलाफ जहर उगलने वाले लोग सोशल मीडिया पर ऐक्टिव हो गए.
हिन्दू मुस्लिम भाई भाई…..खबरदार कोई मुसलमानो के देशभक्ति पर…..और राष्ट्रगीत के अपमान पर बोलेगा….झापड़ मार दूंगा मैं….बोल रिया हु….मुसलमान कितने ईमानदार है देखो भारत….भारतीय तिरंगा….और भारत के राष्ट्रीय गीत…..जन-गण-मन के प्रति……खुद देखो फिर मत कहना मुसलमानो को मैं ही जानबूझकर दोष देता हूं।
देखो राष्ट्रीय गीत का कितना सम्मान कर रहे है वे….
पुलिस ने मौलाना और उसके साथियों को गिरफ्तार कर सोशल मीडिया के ट्रोलर्स को तो रोक दिया, लेकिन ऐसे मौलाना और राष्ट्रगान का विरोध करने वालों को कौन रोकेगा. जब भी देश के लिए कोई ऐसा मौका आता है, कोई न कोई एक बेवकूफ ऐसी गलती कर देता है और फिर ट्रोलर्स को एक पूरी कम्युनिटी को बदनाम करने का मौका मिल जाता है. इस मौलाना मोहम्मद जुनैद अंसारी ने भी यही बेवकूफी की है. पता नहीं क्यों उस बेवकूफ मौलाना ने खुद अपने हाथ से झंडा फहराने के बाद कहा कि वो न तो राष्ट्रगान गाएगा और न ही किसी को गाने देगा. इसके लिए उसने इस्लाम का हवाला दिया, लेकिन इस्लाम तो कभी राष्ट्रगान गाने से नहीं रोकता है. झंडा फहराने के बाद राष्ट्रगान गाने के लिए कौन सा इस्लाम रोकता है, ये मौलाना को भी नहीं पता. यही वजह है कि वहां मौजूद लोगों ने भी कहा आप हमें दीन और इस्लाम न बताइए, लेकिन बेवकूफ आदमी जिद पर अड़ा रहा. और नतीजा ये हुआ कि वो आदमी अब सलाखों के पीछे है. उसकी एक बेवकूफी की वजह से पूरी कम्युनिटी बदनाम हो रही है और ये तब है जब एक खास समुदाय को हर वक्त सोशल मीडिया पर निशाना बनाया जा रहा है.