हार्दिक पटेल 25 अगस्त से भूख हड़ताल कर रहे हैं. मांग है- पाटीदारों के लिए शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण. साथ में, कर्ज माफी. 6 सितंबर, 2018 को हार्दिक की भूख हड़ताल का 12वां दिन था. उनके संगठन ‘पाटीदार अनामत आंदोलन समिति’ ने धमकी दी है. कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो हार्दिक अब पानी पीना भी बंद कर देंगे. एक तरफ हार्दिक पानी तक न पीने की धमकी दे रहे हैं और उधर मेडिकल जांच में उनका वजन बढ़ा हुआ निकला. इसी मारे लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं. उनकी भूख हड़ताल पर चुटकुले बन रहे हैं.
वजन कितना था, कितना कम-ज्यादा हुआ?
4 सितंबर को अहमदाबाद के सोला सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने हार्दिक की मेडिकल जांच की थी. तब डॉक्टरों ने कहा था कि हार्दिक की सेहत के मद्देनजर उनको तुरंत अस्पताल में भर्ती किया जाना चाहिए. उनका कहना था कि भूख हड़ताल शुरू करने के वक्त हार्दिक का वजन 78 किलो था. फिर 4 सितंबर को जांच में उनका वजन आया 58 किलो. यानी हड़ताल शुरू करने से लेकर तब तक उनका 20 किलो वजन कम हो गया था. 6 तारीख को जब उनकी दोबारा जांच हुई, तो वजन निकला 65 किलो. यानी दो दिन के अंदर उनका वजन सात किलो बढ़ गया. बात निकली कि हार्दिक खाना नहीं खा रहे हैं, तो वजन बढ़ कैसे गया? क्या वो इस दौरान खा-पी रहे थे?
गड़बड़ किसने की?
जवाब है, नहीं. मेडिकल टीम का कहना है कि ये सारी गड़बड़ वजन तौलने वाली मशीन की है. उसमें खराबी थी. इसी वजह से 4 तारीख को की गई जांच में उनके वजन में 20 किलो की कमी नजर आई. जबकि असलियत में उनका वजन 13 किलो घटा था. इसीलिए 6 सितंबर को जब दोबारा वजन हुआ, तो वजन पहले के मुकाबले ज्यादा दिखा. सोला सिविल अस्पताल के डॉक्टर प्रवीण सोलंकी ने इसी थिअरी की पुष्टि की है. डॉक्टर सोलंकी का कहना है कि हार्दिक के वजन में कोई इजाफा नहीं हुआ. बल्कि वो तेजी से गिर रहा है. हार्दिक की हालत के बारे में डॉक्टर का कहना है-
हमने हार्दिक के खून का नमूना मांगा था, लेकिन वो नहीं दिया गया. उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही है. इसीलिए हमने कहा था कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कर दिया जाए. हमने उनको ORS और जूस दिए जाने की सलाह दी है. 4 सितंबर को हुई जांच में उनके वजन में 20 किलो की कमी दिखी थी, लेकिन वो वजन तौलने वाली मशीन में खराबी थी. इसीलिए थोड़ा कम-ज्यादा हो गया.
सत्येंद्र जैन के साथ भी ऐसा हुआ था, पर वो बात अलग थी
जून 2018 में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी भूख हड़ताल पर बैठे थे. सात दिन बाद जब उनका हेल्थ बुलेटिन जारी हुआ. इसके मुताबिक, 14 जून को शाम 6:00 बजे उनका वजन 80.3 किलोग्राम था, जो 15 जून की दोपहर 2:30 बजे बढ़कर 81.5 किलोग्राम हो गया. लोग सत्येंद्र जैन को ट्रोल करने लगे. उनके ऊपर भी जोक बनने लगे. लोगों का कहना था कि बिना खाना खाए 20 घंटे में इतना ज़्यादा वजन बढ़ना एक असामान्य बात है. तब टीम लल्लनटॉप ने डॉक्टरों से बात करके इस बारे में ब्योरा लिया था. डॉक्टरों ने जो बताया, उसके मुताबिक इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं. मसलन-
– जो मशीन वजन नाप रही है, वो खराब हो. या फिर एक से ज़्यादा मशीनों का इस्तेमाल हो रहा हो. (या डायग्नॉसिस की पूरी प्रॉसेस में कहीं न कहीं खराबी हो.)
– जिसका वजन किया जा रहा है उसके कपड़े बदले गए हों. जब उस व्यक्ति का वजन ज़्यादा आ रहा हो, तो उसने ज़्यादा भारी कपड़े पहने हों.
– खूब सारा पानी पी लिया हो, मगर पेशाब न किया हो.
– हो सकता है कि उपवास पर बैठे उस शख्स ने चुपके से कुछ खाया हो.
अगर इनमें से कोई भी वजह अप्लाई नहीं होती, मतलब इसके पीछे कोई केमिकल या मेडिकल वजह है. जिसकी वजह से भूखे रहने के दौरान भी वजन असामान्य रूप से घट बढ़ सकता है. ये कारण हो सकते हैं-
1. वजन किस समय लिया गया है, ये बात मायने रखती है. अगर वजन लिए जाने के थोड़ी देर पहले वो इंसान अच्छी नींद सोया हो, तो उसका वजन बढ़ा हुआ मिलेगा.
2. जब फैट बर्न होता है, तो इस प्रक्रिया में गैस बनती है. इसकी वजह से भी वजन असामान्य रूप से घटता-बढ़ता है.
3. हमारा दिमाग बहुत शातिर होता है. उसको सब मालूम होता है कि हमें क्या चाहिए, क्या नहीं. जब दिमाग को पता लगता है कि उपवास पर जाना है, तो वो ज़्यादा ऐनर्जी/ज़्यादा वजन स्टोर करने लग जाता है. और फिर उपवास के दौरान भी कम ऊर्जा खर्च करता है.
Hardik Patel's weight gain while fasting was an error in the weighing scale