- रक्त में ट्रायग्लिसराइड का अधिक होने से होता है मधुमेह।
- मधुमेह से कम हो जाती है इंसुलिन निर्माण करने के क्षमता।
- हर्बल उपचार से आसानी से कर नियंत्रित किया जा सकता है।
- मधुमेह रोकने के लिए अपनाएं हेल्दी लाइफ स्टाइल ।
मधुमेह रोग के ईलाज के लिए आप हर्बल उपचार का प्रयोग भी कर सकते हैं। ऐसे बहुत से हर्बल उत्पाद हैं, जो कम समय में प्रभावी तरीके से मधुमेह के ईलाज में फायदेमंद हैं । मधुमेह सिर्फ बढ़ती उम्र की बीमारी नहीं, यह किसी भी उम्र में हो सकती है। यह ज़रूरी तो नहीं, लेकिन यह अवस्था अधिकतर उन लोगों में पाई जाती है जिनका वज़न आवश्यकता से अधिक होता है। मधुमेह रोगियों के शरीर में इंसुलिन निर्माण करने के क्षमता नहीं होती और वह पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का निर्माण करने में असमर्थ होते हैं।
मधुमेह होने का कारण
यदि रक्त संबंधी जैसे माता-पिता, भाई-बहन को मधुमेह हो यदि माता एवं पिता दोनों को ये रोग हो तो ऐसे लोगों को मधुमेह होने की सर्वाधिक संभावना होती है। मोटापा, खासतौर पर पेट के पास का मोटापा। यदि कमर का नाप पुरुषों में 90 सेंटीमीटर व महिलाओं में 80 सेंटीमीटर से अधिक होता है, तो ऐसे लोगों को मधुमेह की अधिक संभावना होती है। रक्त में ट्रायग्लिसराइड का अधिक होना। उच्च रक्तचाप या ब्लड प्रेशर का अधिक होना। डायबिटीज के कारण इंसुलिन के कम निर्माण से रक्त- में शुगर अधिक हो जाती है क्योंकि शारीरिक ऊर्जा कम होने से रक्ते में शुगर जमा होती चली जाती है जिससे कि इसका निष्काधसन मूत्र के जरिए होता है। इसी कारण डायबिटीज रोगी को बार-बार पेशाब आता है।
मधुमेह का हर्बल उपचार
मधुमेह के उपचार के लिए करेला सबसे बेहतरीन माना गया है। मधुमेह रोगी को शरीर में शुगर की मात्रा को कम करने के लिए, इसका अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए या नियमित रूप से एक चम्मच करेले के रस का सेवन करना चाहिए। आँवला, विटामिन सी की भरपूर मात्रा से युक्त होने के कारण, मधुमेह पर नियंत्रण रखने में सहायता करता है। दो महीने तक नियमित रूप से एक कप करेले के रस में इसका एक चम्मच रस मिलाकर पीने से पाचक ग्रंथियों से स्राव होता है जो कि इंसुलिन के स्राव में सहायता करते हैं। रोज़ सुबह खाली पेट पर पानी के साथ तुलसी, नीम और बेलपत्र के दस दस पत्तों का सेवन करने से मधुमेह पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है। पलाश के पत्ते भी मधुमेह को नियंत्रित करने में काफी सहायता करते हैं। ये रक्त के स्तर को कम करते हैं और ग्लुकोसिया में भी सहायक सिद्ध होते हैं।दो चम्मच मेथी के पिसे हुए बीज दूध के साथ सेवन करें। दो चम्मच मेथी के साबुत बीज भी खाए जा सकते हैं।तीन महीनों तक दस पूर्ण विकसित करी पत्तों का सेवन करने से विरासत में मिली मधुमेह की बीमारी से काफी राहत मिलती है।अंजीर के पत्ते भी रक्त में मौजूद शक्कर को नियंत्रण में रखने में काफी हद तक सहायक सिद्ध होते हैं। प्याज़ और लहसुन का सेवन अधिक मात्रा में करने से भी मधुमेह के रोग में काफी लाभ मिलता है।
यदि आप चाहते हैं कि आप और आपका परिवार डायबिटीज से बचें तो उसके लिए हेल्दी लाइफ स्टाइल अपनाना जरूरी है। जिसमें एक्सआरसाइज और हेल्दी फूड को खास प्राथामिकता दें
मधुमेह रोग के ईलाज के लिए आप हर्बल उपचार का प्रयोग भी कर सकते हैं। ऐसे बहुत से हर्बल उत्पाद हैं, जो कम समय में प्रभावी तरीके से मधुमेह के ईलाज में फायदेमंद हैं । मधुमेह सिर्फ बढ़ती उम्र की बीमारी नहीं, यह किसी भी उम्र में हो सकती है। यह ज़रूरी तो नहीं, लेकिन यह अवस्था अधिकतर उन लोगों में पाई जाती है जिनका वज़न आवश्यकता से अधिक होता है। मधुमेह रोगियों के शरीर में इंसुलिन निर्माण करने के क्षमता नहीं होती और वह पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का निर्माण करने में असमर्थ होते हैं।
मधुमेह होने का कारण
यदि रक्त संबंधी जैसे माता-पिता, भाई-बहन को मधुमेह हो यदि माता एवं पिता दोनों को ये रोग हो तो ऐसे लोगों को मधुमेह होने की सर्वाधिक संभावना होती है। मोटापा, खासतौर पर पेट के पास का मोटापा। यदि कमर का नाप पुरुषों में 90 सेंटीमीटर व महिलाओं में 80 सेंटीमीटर से अधिक होता है, तो ऐसे लोगों को मधुमेह की अधिक संभावना होती है। रक्त में ट्रायग्लिसराइड का अधिक होना। उच्च रक्तचाप या ब्लड प्रेशर का अधिक होना। डायबिटीज के कारण इंसुलिन के कम निर्माण से रक्त- में शुगर अधिक हो जाती है क्योंकि शारीरिक ऊर्जा कम होने से रक्ते में शुगर जमा होती चली जाती है जिससे कि इसका निष्काधसन मूत्र के जरिए होता है। इसी कारण डायबिटीज रोगी को बार-बार पेशाब आता है।
मधुमेह का हर्बल उपचार
मधुमेह के उपचार के लिए करेला सबसे बेहतरीन माना गया है। मधुमेह रोगी को शरीर में शुगर की मात्रा को कम करने के लिए, इसका अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए या नियमित रूप से एक चम्मच करेले के रस का सेवन करना चाहिए। आँवला, विटामिन सी की भरपूर मात्रा से युक्त होने के कारण, मधुमेह पर नियंत्रण रखने में सहायता करता है। दो महीने तक नियमित रूप से एक कप करेले के रस में इसका एक चम्मच रस मिलाकर पीने से पाचक ग्रंथियों से स्राव होता है जो कि इंसुलिन के स्राव में सहायता करते हैं। रोज़ सुबह खाली पेट पर पानी के साथ तुलसी, नीम और बेलपत्र के दस दस पत्तों का सेवन करने से मधुमेह पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है। पलाश के पत्ते भी मधुमेह को नियंत्रित करने में काफी सहायता करते हैं। ये रक्त के स्तर को कम करते हैं और ग्लुकोसिया में भी सहायक सिद्ध होते हैं।दो चम्मच मेथी के पिसे हुए बीज दूध के साथ सेवन करें। दो चम्मच मेथी के साबुत बीज भी खाए जा सकते हैं।तीन महीनों तक दस पूर्ण विकसित करी पत्तों का सेवन करने से विरासत में मिली मधुमेह की बीमारी से काफी राहत मिलती है।अंजीर के पत्ते भी रक्त में मौजूद शक्कर को नियंत्रण में रखने में काफी हद तक सहायक सिद्ध होते हैं। प्याज़ और लहसुन का सेवन अधिक मात्रा में करने से भी मधुमेह के रोग में काफी लाभ मिलता है।
यदि आप चाहते हैं कि आप और आपका परिवार डायबिटीज से बचें तो उसके लिए हेल्दी लाइफ स्टाइल अपनाना जरूरी है। जिसमें एक्सआरसाइज और हेल्दी फूड को खास प्राथामिकता दें