# भाग एक – गैंगरेप
ज़्यादा पुरानी नहीं, पिछले महीने की ही बात है जब पुलिस ने अलवर के भिवाड़ी में एक होटल से पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था और उनके चंगुल से एक युवती को मुक्त कराया था. पांचों आरोपी और युवती दिल्ली के रहने वाले थे.
इस युवती ने पुलिस को बताया कि आरोपियों ने उससे भिवाड़ी में अपनी कंपनी के लिए एक इवेंट ऑर्गनाइज करवाने के लिए कहा. इसी बहाने वे उसे अपने साथ दिल्ली से भिवाड़ी लेकर आ गए. भिवाड़ी में वे एक होटल में रुके, जहां उन्होंने लड़की को ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया. इसके बाद पांचों ने युवती के साथ रेप किया.
उस युवती ने इसकी सूचना दिल्ली पुलिस को दे दी. सूचना पाकर भिवाड़ी पुलिस घटना वाले होटल पहुंची और दबिश देकर पांचों आरोपियों को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया.
# भाग 2 – फ्रीडम 251
आज से ढाई साल पहले यानी सितंबर 2015 में बनी कंपनी, ‘रिंगिंग बेल’, पांच महीने बाद ही पूरे भारत में चर्चा का विषय बन गई. उसने 18 फ़रवरी, 2016 को एक नए स्मार्टफोन की घोषणा की. जी नहीं, इसमें कोई ऐसा ‘ग्राउंडब्रेकिंग’ फीचर नहीं था जिसके लिए हम लोग आई-फोन या सैमसंग के हर नए वर्ज़न का इंतज़ार करते हैं.
लेकिन जो इस फोन को स्पेशल बनाता था वो था इसका प्राइस. मात्र 251 रुपये. और फोन के स्पेसिफिकेशंस भी कोई दोयम दर्जे के नहीं थे. बल्कि ये एक 3जी स्मार्टफोन था. उस वक्त इस तरह के स्पेसिफिकेशंस वाले स्मार्टफोन कम से कम तीन से पांच हज़ार के तो बिक ही रहे थे. इस स्मार्टफोन का नाम था – ‘फ्रीडम 251’.
लोगों ने इसे हाथो-हाथ लिया और तीस हज़ार के लगभग स्मार्टफोन की बुकिंग हो गई. बुकिंग हो गई, मगर डिलीवरी होनी बाकी थी. लेकिन ऑर्डर फिर भी इतने आ रहे थे कि इसके चलते रिंगिंग बेल की वेबसाइट क्रैश हो गई. आप इस फोन को दुकान से नहीं खरीद सकते थे. न ही किसी ऑनलाइन स्टोर से खरीद/एडवांस बुक कर सकते थे. इसके लिए तो आपको रिंगिंग बेल की वेबसाइट में ही जाना पड़ता था.
खैर, बाद में पता चला ये सारा कंपनी के फाउंडर ‘मोहित गोयल’ का बनाया हुआ फर्जीवाड़ा था. कंपनी से लेकर वेबसाइट तक बंद हो गई. होने को नोएडा क्राइम ब्रांच ने इस पूरे मामले में मोहित को क्लीन चिट दे दी थी. लेकिन इस फोन के डिस्ट्रीब्यूशन में हुए एक फ्रॉड के चलते मोहित को पुलिस ने पकड़ लिया था.
3 महीने जेल में रहने के बाद 31 मई, 2018 को उसे जमानत मिल गई थी.
# अंतिम भाग – हनी ट्रैप
10 जून, 2018 को नेताजी सुभाष पैलेस के एक मॉल से तीन लोगों को पुलिस ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया. ये तीनों एक हनीट्रैप रैकेट के सदस्य थे. हनीट्रैप यूं कि ये रैकेट किसी को क्राइम में फंसाता या फिर झूठा आरोप लगाता और फिर ब्लैकमेल करके पैसा वसूलता. अबकी बार ये रैकेट गैंगरेप के एक मामले को लेकर ब्लैकमेलिंग कर रहा था.
इस गैंगरेप के मामले को ‘सुलटाने’ के लिए जो तीन लोग धरे गए उनमें से एक ‘रिंगिंग बेल’ का फाउंडर मोहित गोयल है, दूसरा उसका भाई और तीसरी एक औरत है जो पहले ‘रिंगिंग बेल’ में काम करती थी.
इस औरत ने पांच व्यवसायियों के खिलाफ गैंगरेप केस दर्ज कराया था और वापस लेने के 5 करोड़ रुपये की मांग की. लेकिन मांडवली करके सौदा 3 करोड़ में फिक्स हुआ. (जी हां, ये गैंगरेप केस अलवर के भिवाड़ी शहर वाला ही है.)
बहरहाल. तीन करोड़ में से सवा करोड़ के लगभग रुपए पहले ही दिए जा चुके थे. अबकी पच्चीस लाख की इनस्टॉलमेंट दी जानी थी. ये सारा लेन-देन दिल्ली के नेताजी सुभाष प्लेस में स्थित एक शॉपिंग मॉल में होना तय हुआ था. लेकिन गैंगरेप के आरोपियों ने पुलिस को पहले ही इन्फॉर्म कर दिया था. यूं इस हनीट्रैप गुट के तीनों सदस्यों को आरोपियों से 25 लाख रुपये लेते रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया गया.
घरवालों ने महिला और उसके साथियों से मोबाइल पर पैसे के लेन-देन को लेकर हुई पूरी बातचीत की कॉल रिकॉर्ड भी पुलिस को सौंपी है.
गिरफ्तारी के दौरान भी हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ. जैसे ही इस महिला और उसके साथियों को पुलिस टीम NSP के इस शॉपिंग मॉल से लेकर बाहर निकली, आरोपी कारोबरियों की पत्नियों और परिवार की महिलाओं ने उगाही करने वाली महिला और उसके साथियों पर हमला बोल दिया. जैसे-तैसे पुलिस उन्हें वहां से निकालने में सफल हो पाई.
# क्लाइमेक्स –
गैंगरेप आरोपी के एक दोस्त ने मीडिया को बताया कि हेमंत प्रियदर्शन नाम के आईजी और एक एएसपी भी इस पूरे रैकेट का हिस्सा हो सकते हैं. फिलहाल पुलिस ने सभी CCTV फुटेज, पच्चीस लाख की रकम और कई अन्य रेकॉर्ड्स को सीज़ कर लिया है और महिला से पूछताछ जारी है.
कई और नाम आने के बाद ये एक हाई-प्रोफाइल केस बन सकता है, और इस वाली रिपोर्ट का सिक्वल आने की उम्मीद पुख्ता है.