सेकुलरों वामपंथियों को ये तस्वीर बहुत ही अच्छी लग सकती है, और सेक्युलर तत्व इस तस्वीर को फैलाकर बहुत ही ज्यादा खुश हो रहे है, पर ये तस्वीर को देख हमारा खून खौल रहा है
ये तस्वीर अत्याचार को दर्शा रही है, और हमारे सैनिक पर अत्याचार हो रहा है, ये तस्वीर कूल बिलकुल नहीं है ये उगली है, और बेहद घिनोनी है
इस तस्वीर में सेना का एक जवान नीचे पीठ देकर तैनात है, और ऊपर से जिन लोगों को सेना ने ही बचाया है वो उसकी पीठ पर लात रख रख कर उतर रहे है
सेना का जवान नीचे इस स्तिथि में है, पर साथ ही लाल घेरे में आप इस दाढ़ी वाले को देख सकते है जो हाथ पकड़ने का काम कर रहा है, ये मुश्तंडा है, ये हट्टा-कट्टा है, क्या ये पीठ नहीं दे सकता ?
हमारे सामने कोई सैनिक ऐसी स्तिथि में पीठ दे रहा हो तो हमारा दिल निकल जायेगा, और हम खुद उसे हटाकर अपनी पीठ देंगे, ये दाढ़ी वाला जिनके हाथों को पकड़ रहा है ये इसी के सगे सम्बन्धी है, पर ये पीठ नहीं दे रहा, ये हाथ पकड़ रहा है और पीठ दे रहा है हमारा सैनिक
ये सेना का उपयोग नहीं दुरूपयोग है, और ये सैनिक पर अत्याचार है, सेकुलरिज्म के नाम पर हम अपने सैनिक पर अत्याचार कबतक बर्दास्त करेंगे, इसका विरोध किया जाना चाहिए
ये मुश्तंडा अपनी पीठ दे सकता है, पर ये लाड साहब है और हमारे सैनिक जानवर है, ये घिनोनापना है, और इसका विरोध किया जाना चाहिए
Source: Dainik Bharat
हमारे सैनिक नहीं है जानवर, बंद करो हमारे सैनिको का दुरूपयोग, ये सैनिको पर अत्याचार है