15 अगस्त, 1957. इस दिन एक फिल्म रिलीज हुई थी. नाम था- नया दौर. दिलीप कुमार. बैजयंती माला. इंसान बनाम मशीन की कहानी . इसमें एक गाना था- ‘साथी हाथ बढ़ाना, एक अकेला थक जाएगा मिलकर बोझ उठाना’. इस गाने की आत्मा को सही मायने में सोशल मीडिया ने समझा है. सोशल मीडिया पर चीजें वायरल करने वालों ने ही तो इस गाने का कर्ज पूरा किया है. एक वायरल पोस्ट को देखकर मुझे ये खयाल आया.
क्या है इस वायरल पोस्ट में?
एक तस्वीर है. इसमें भारत के कुछ नामी-गिरामी लोग हैं. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हैं. पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी हैं. नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फार्रूख अब्दुल्ला हैं. साथ में बीजेपी नेता और वायपेयी सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा भी हैं. यशवंत सिन्हा, जो पिछले कुछ समय से बगावती हुए पड़े हैं. अक्सर मोदी सरकार की आलोचना करते हैं. तस्वीर में इन सब लोगों के हाथ में एक किताब है. देखकर लगता है कि किसी किताब की लॉन्चिंग हो रही है.
क्या लिखा है?
पोस्ट के साथ कुछ चीजें भी लिखी हुई हैं. इसके मुताबिक, ये किताब पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के चीफ रह चुके असद दुर्रानी ने लिखी है. वही ISI, जो भारत में आतंकवादी भेजती है. आतंकी हमले करवाती है. जिसने संसद पर हमले की योजना बनाई. जिसने मुंबई में हमला करवाया. पोस्ट के मुताबिक, दुर्रानी यहां दिल्ली में अपनी किताब का विमोचन करना चाहते थे. मगर भारत सरकार ने उन्हें वीजा नहीं दिया. इसकी काट खोजते हुए इन लोगों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके दुर्रानी को इस लॉन्चिंग में शरीक कर लिया. पोस्ट में इन सब लोगों को लानत दी गई है. उनके नाम पर थूक फेंका गया है. क्योंकि पोस्ट लिखने और शेयर करने वालों को लगता है कि ये सारे लोग मोदी विरोध में पाकिस्तान परस्ती कर रहे हैं. जिस ISI चीफ के हाथ मासूम हिंदुस्तानियों के खून से रंगे हैं, उनका ही समर्थन कर रहे हैं. इसे शेयर करने वाले और लाइक करने वाले भी भर मुंह इन नेताओं को गरिया रहे हैं. कोई लिख रहा है- कांग्रेस मतलब गंदगी. कोई लिख रहा है कि कांग्रेस को समूल खत्म करना है. कोई इन नेताओं को गद्दार लिख रहा है.
From the book release on Wednesday in Delhi of #TheSpyChronicles with @BDUTT, @KapilSibal, Dr Farooq, Hamid Ansari, Dr Manmohan Singh, @YashwantSinha , KM Singh, @ShivshankaMenon, AS Dulat and yours truly
सच क्या है?
जो तस्वीर वायरल हो रही है, वो सच्ची है. सच में वो किताब लॉन्चिंग का मौका था. तारीख थी- 24 मई, 2018. इस किताब के साथ असद दुर्रानी का नाम भी जुड़ा है. मगर इस पूरे मामले की एक सबसे अहम बात पोस्ट से नदारद है. और यही इस पोस्ट की मक्कारी है. ये असलियत बता देते, तो झूठ फैलाने का अजेंडा पूरा नहीं कर पाते. पिछले दिनों एक बड़ी धांसू सी किताब आई. हार्पर कॉलिन्स की. इसका नाम है- द स्पाई क्रॉनिकल्स: रॉ, ISI ऐंड द इल्यूज़न ऑफ पीस. इस किताब के चर्चे वि देश ों में हो रहे हैं. वजह है इसका अनोखापन. इसका कोई एक लेख क नहीं है. इसे मिल-बांटकर लिखा गया है. लिखने वाले लोग हैं- 1990 से 1991 तक ISI के प्रमुख रह चुके असद दुर्रानी. पत्रकार आदित्य सिन्हा. और, 1999 से 2000 तक भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व मुखिया ए एस दुलत. ये शायद अपने तरह की पहली किताब है. मतलब भारत और पाकिस्तान का रिश्ता याद कीजिए. कितनी नफरत, कितनी दुश्मनी. और दोनों देशों की खुफिया एजेंसियां. जो एक-दूसरे की काट खोजने, एक-दूसरे को परेशान करने की जुगत में लगी रहती हैं. ऐसे बैकग्राउंड में भी अगर इन दोनों खुफिया एजेंसियों के पूर्व प्रमुख मिलकर कोई किताब लिखें, तो ये चलताऊ बात तो नहीं ही है.
BREAKING NEWS: ISI and RAW chiefs, together for a first-of-its-kind project! #TheSpyChronicles by Aditya Sinha (@autumnshade) is OUT NOW!
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विदेशी अखबारों में भी खूब चर्चा है इस किताब का
इस किताब की चर्चा बड़े-बड़े विदेशी अखबार भी कर रहे हैं. सबको इसमें दिलचस्पी है. इसका कॉन्सेप्ट है ही इतना रोमांचक. इस किताब को लिखना बहुत मुश्किल काम था. ये लोग न तो भारत में मिल सकते थे. न पाकिस्तान में. मगर किताब के लिए मुलाकातें तो जरूरी थीं. सो ये लोग दूसरे देशों में मिलते रहे. इस्तांबुल, बैंकॉक, काठमांडू. इन जगहों पर. मतलब ये किताब बस दुर्रानी की नहीं है. दुलत और आदित्य की भी है. मनमोहन सिंह, हामिद अंसारी और बाकी सारे लोग खास दुर्रानी के लिए नहीं पहुंचे थे. वो दुलत और आदित्य के लिए भी पहुंचे थे. इस किताब के लिए पहुंचे थे. इतनी दिलचस्प किताब में कोई कैसे दिलचस्पी नहीं लेगा? वायरल पोस्ट में आपको तस्वीर साफ नहीं दिख रही होगी. इसकी क्लियर कॉपी हम आपको दिखाते हैं.
जाते-जाते
असद दुर्रानी भी इस किताब की लॉन्चिंग में नहीं पहुंच पाए. उन्हें वीज़ा नहीं मिला. मगर उन्होंने एक विडियो मैसेज रिकॉर्ड करके भेजा था. इसमें उन्होंने कहा-
आखिर में आकर मैं इंडियन डीप स्टेट (सेना और अफसरशाही के सबसे ताकतवर लोग, जो सरकारी नीतियां तय करते हैं) को शुक्रिया कहना चाहता हूं. मुझे वीज़ा न देकर उन्होंने मुझे मेरे यहां के लोगों की नाराजगी से बचा लिया है.
पाकिस्तान वाले भी दुर्रानी को गद्दार कहते
दुर्रानी भारत आते, तो उनके यहां वाले भी उनको गद्दार कहते. ऐसे ही, जैसे हमारे यहां लोग मनमोहन सिंह और हामिद अंसारी को कह रहे हैं. भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे से चाहे जितनी नफरत करें. सच ये है कि दोनों पार एक से लोग हैं. ये भी बता दें कि दुलत साहब ने एक और किताब लिखी थी. कश्मीर: द वाजपेयी ईयर्स. जिंदगी के बहुत साल उन्होंने देश की नौकरी की है. उनकी देशभक्ति पर तो शक नहीं होगा. उन्होंने दुर्रानी के साथ किताब लिखी है. वो गलत नहीं हैं. फिर उस किताब को लॉन्च करने वाले मनमोहन सिंह और हामिद अंसारी कैसे गद्दार हो सकते हैं?
इस खबर को पढ़कर अगर आपको दिल करे किताब पढ़ने का, तो डिटेल्स नीचे हैं-
किताब का नाम: स्पाई क्रॉनिकल्स- रॉ, ISI ऐंड द इल्यूज़न ऑफ पीस
लेखक: ए एस दुलत, असद दुर्रानी, आदित्य सिन्हा
पब्लिशर: हार्पर कोलिन्स
कीमत: 799 रुपये