कठुआ गैंगरेप में क्राइम ब्रांच की बात सच साबित हुई है. इस मामले का एक आरोपी है. विशाल जंगोत्रा. उसका कहना था कि वो बेगुनाह है. कि जब अपराध हुआ, उस समय तो वो मेरठ में था. परीक्षा दे रहा था. जबकि पुलिस कह रही थी कि वो झूठ बोल रहा है. इसकी पड़ताल के लिए पुलिस ने उससे दस्तखत करवाया. इसके साथ एक्जाम अटेंडेंस की वो वाली शीट ली, जिसमें उसके दस्तखत थे. दोनों को सेंट्रल फॉरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजा. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मालूम चला है कि ये दोनों अलग-अलग हैं. आपस में मेल नहीं खाते.
ये जांच सेंट्रल फॉरेंसिक साइंसेज लैबोरेट्री (CFSL) ने की थी. जांच के नतीजे जम्मू-कश्मीर पुलिस को सुपुर्द कर दिए गए हैं. इसके मुताबिक, परीक्षा हॉल में मौजूद होने के सबूत के तौर पर पेश की गई शीट के ऊपर विशाल के बदले किसी और ने दस्तखत किया था.
परीक्षा खत्म होने के बाद लिखी आंसर शीट!
क्राइम ब्रांच ने पहले ही कहा था. कि एक्जाम शीट पर हुए जिस दस्तखत को विशाल अपनी ढाल बना रहा है, वो फर्जी है. कि विशाल के एक दोस्त ने उसकी जगह वहां उसका सिग्नेचर किया. क्राइम ब्रांच को ये भी शक है कि विशाल ने यूनिवर्सिटी में से किसी की मदद लेकर बाद में परीक्षा दी. ये परीक्षा 15 जनवरी को हुई थी. तब विशाल कठुआ से वापस मेरठ लौट रहा था. पुलिस के मुताबिक, उसकी ट्रेन लेट थी. ऐसा लगता है कि उसने अपने किसी दोस्त से मदद मांगी. और उसके दोस्त ने उसके बदले अटेंडेंस शीट पर दस्तखत कर दिया. वापस लौटकर यूनिवर्सिटी के किसी अधिकारी की मदद से विशाल ने ये परीक्षा दी. इसी हेल्प करने वाले ने उसकी आंसर शीट बाकी कॉपियों के साथ रख दी होगी. विशाल ने खुद को बचाने के लिए यही सफाई दी थी. कि 15 जनवरी को वो मेरठ में परीक्षा दे रहा था. कि वो अपराध के समय कठुआ में था ही नहीं.
सांजी राम ने रिश्वत खिलाकर जुगाड़ किया?
क्राइम ब्रांच विशाल के मददगारों की तलाश कर रही है. चार्जशीट में भी दर्ज है. कि मुख्य आरोपी सांजी राम ने मेरठ की इस यूनिवर्सिटी में कुछ अधिकारियों को अच्छी-खासी रकम दी. बतौर रिश्वत. ताकि ये सारा जुगाड़ सेट किया जा सके.
तीन दोस्तों से क्राइम ब्रांच पूछताछ करेगा
विशाल के तीन दोस्तों को पूछताछ के लिए जम्मू बुलाया गया है. पुलिस पहले भी विशाल के इन दोस्तों से पूछताछ करना चाहती थी. लेकिन ये तीनों सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए. उन्होंने इल्जाम लगाया कि क्राइम ब्रांच उन्हें परेशान कर रहा है. मगर सुप्रीम कोर्ट ने उनका एतबार नहीं किया. 17 मई को फैसला सुनाते हुए अदालत ने उनसे कहा. कि क्राइम ब्रांच के सामने पेश हों. और सारे सवालों के जवाब दें.
क्या है ये केस?
10 जनवरी. इसी दिन कठुआ में बकरवाल समुदाय की एक आठ साल की बच्ची को किडनैप किया गया. फिर उसके साथ गैंगरेप हुआ. बाद में उसकी हत्या करके लाश को जंगल में फेंक दिया गया. 17 जनवरी को उसकी लाश मिली. पुलिस का कहना है कि 14 जनवरी को बच्ची कत्ल की गई. इस मामले में विशाल और उसके चचेरे भाई को मिलाकर कुल आठ लोग आरोपी हैं.