हिंदुओं में ऐसी मान्यता है कि इस दुनिया का सबसे पुराना धर्म हिंदू सनातन धर्म है. इसके अनुसार माना जाता है कि ब्रह्मा का कर्म है सृष्टि की रचना करना, भगवान विष्णु का कर्म है उसका संचालन करना और भगवान शिव का कर्म है विनाश करना. वैसे तो हिंदू धर्म में हर धार्मिक ग्रंथों की अपनी एक विशेष महत्ता है, मगर बात जब गरुड़ पुराण की आती है, तो इसकी महत्ता और भी बढ़ जाती है. दरअसल, गरुड़ पुराण हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथों में से एक है. वैष्णव सम्प्रदाय से सम्बन्धित 'गरुड़ पुराण' सनातन धर्म में मृत्यु के बाद सद्गति प्रदान करने वाला माना जाता है. इसलिये सनातन हिन्दू धर्म में मृत्यु के बाद 'गरुड़ पुराण' के सुनने का प्रावधान है.
मृत्यु प्रकृति का अटल सत्य है. जो इस धरती पर आया है, उसे एक दिन यहां से जाना ही है. गरुड़ पुराण के अनुसार, हमारे कर्मों का फल हमें हमारे जीवन में तो मिलता ही है, परंतु मरने के बाद भी कर्मों का अच्छा-बुरा फल मिलता है. क्योंकि गरुड़ पुराण में स्वर्ग और नरक का वर्णन मिलता है. इसलिए कोई इंसान अगर ये 17 पाप करता है, तो समझिये वो मरने के बाद सीधे नरक का रास्ता नापने वाला है.
1. ब्राह्मण या पुजारी को मारना, किसी को नशे की हालत में छोड़कर चले जाना, किसी पवित्र कसमों और वादों को तोड़ना, भ्रूण की हत्या करना या फिर भ्रूण को नष्ट करना आदि को गरुड़ पुराण में बहुत बड़ा पाप माना जाता है. अगर कोई इंसान ऐसा करता है, तो निश्चित तौर पर उसे नरक में सज़ा पाने के लिए तैयार रहना होगा.
2. किसी महिला की हत्या करना, महिला को प्रताड़ित करना, मुकदर्शक की तरह आंखों के सामने किसी की इज़्ज़त लुटते देखते रहना, या फिर किसी गर्भवति महिला को मारना-पीटना आदि आपको नरक में पहुंचाने के लिए काफ़ी हैं.
3. किसी के विश्वास को धोखा देना और किसी की हत्या करने के लिए हथियार के रूप में ज़हर का इस्तेमाल करना भी घोर पाप है और इसका रास्ता सीधे नरक की ओर जाता है.
4. पवित्र स्थलों को हेय दृष्टि से देखना, अच्छे लोगों को धोखा देना साथ ही उसकी बेइज़्ज़ती करना और गाली देना या फिर किसी धर्म, पुराण, वेद या फिर मिमांसा का अपमान करना आदि भी नरक में जाने के ही संकेत होते हैं.
5. जो असहाय और ज़रूरतमंद की मदद नहीं करता और कमज़ोर को सज़ा देता है, सताता है, वो सीधे नरक में जाता है.
6. किसी ज़रूरतमंद को जानबुझकर भोजन और पानी न देना और अपने दरवाज़े पर आए मेहमान को बिना भोजन-पानी के वापस कर देना भी बहुत बड़ा पाप माना गया है.
7. जो किसी की मदद करने के बजाय उससे कुछ छीनता है, जो अपनी भलाई के लिए दूसरे का जीविकोपार्जन छीन लेता है या फिर किसी धार्मिक फैसले को गलत ठहराता है, वो मरने के बाद सीधा नरक की ओर ही जाता है.
8. जो शराब और मांस की बिक्री में शामिल होता है या फिर जो महिला या पुरूष अपने जीवनसाथी के अलावा किसी और के साथ रहता है, उसे गरुड़ पुराण के अनुसार नरक की प्राप्ती होती है.
9. अपनी संतुष्टि के लिए जानवरों की हत्या करना सबसे बड़ा पाप है. ऐसा करने वाला सीधे नरक में जाता है.
10. किसी राजा या विद्वान की पत्नी पर बुरी नज़र रखना या फिर किसी जवान लड़की के ज्ञान और इच्छा का अनादर करना और उसे गाली देना, किसी निर्दोष की निंदा करना आदि भी नरक का प्रतिनिधित्व करता है.
11. झूठी गवाही देना, किसी निर्दोष को फंसाने के लिए अपनी सच्चाई का प्रदर्शन करना आदि बुराई के हाथों में सत्य बेचने के समान होता है.
12. हरे-भरे वन, जंगल, फसल और पेड़-पौधों को काटना और प्रकृति के नये जन्म का विनाश करना गरुड़ पुराण में पाप की श्रेणी में आता है.
13. किसी विधवा की पवित्रता को नष्ट करना या किसी मर्द से शादी की सीमा को लांघ कर संबंध बनाना भगवान की नज़रों में पाप है. ऐसा करने वालों को स्वर्ग में नहीं, बल्कि नरक में जगह मिलती है.
14. पत्नी और बच्चों की ज़रूरतों को अनदेखा करना, पूर्वज़ों की उपेक्षा करना इंसान को नरक में ले जाता है.
15. जो व्यक्ति भगवान शिव, विष्णु, सूर्य, गणेश और दुर्गा जी का सम्मान नहीं करता और जो देवी-देवताओं की पूजा नहीं करता वो भी नरक में ही जाता है.
16. जो किसी महिला की इज़्ज़त लूटने के इरादे से उसे शरणार्थी के तौर पर आश्रय देता है और उसकी आड़ में वो अपराध करता है, वह सबसे बड़ा पापी होता है.
17. जो पवित्र आग, पवित्र पानी, बगीचे या गौशाला में मलमूत्र का त्याग करता है, उसे तो खुद यमराज सज़ा देते हैं और उसे नरक में भेज देते हैं.
गरुड़ पुराण के मुताबिक अगर आप ये 17 पाप करते हैं, तो नरक में जाने से आपको कोई नहीं रोक सकता