बिहार में बहार है नीतीशे सरकार है…रूकिए बिहार में भले बहार हो लेकिन देश भर में वह सबसे गरीब राज्य है। एक तरह से कहा जाए तो गरीब राज्यों में बिहार का पहला स्थान है। इस बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि बिहार में कितना बदलाव हुआ है।
ताजा अपडेट के अनुसार यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) और ओपीएचआई की एक रिपोर्ट से बिहार और झारखंड सरकार को बड़ा झटका लगा है। रिपोर्ट के अनुसार देश के 29 राज्य में गरीबी के मामले में बिहार नंबर वन पर हैं वहीं झारखंड को संयुक्त रूप से दूसरा स्थान मिला है। रिपोर्ट की माने तो केरल और लक्षद्वीप में गरीबी शून्य है। देशभर में 36.4 करोड़ लोग गरीब हैं, जबकि पहले 4 चार राज्यों में 19.6 करोड़ की आबादी गरीब है।
जानकारी अनुसार यह खुलासा यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) और ओपीएचआई की वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक- 2018 की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट 10 मानकों के आधार पर 2015-16 के डेटा के आधार पर तैयार की गई है। रिपोर्ट में बिहार के बारे में कहा गया है कि राज्य की आधे से ज्यादा आबादी गरीब है। इन राज्यों में आदिवासियों के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं और शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण के बावजूद 50 प्रतिशत से ज्यादा आदिवासी गरीब हैं।
बिहार में 19.3% और यूपी में 19.7% लोग गरीबी के हाशिए पर हैं। यूएनडीपी के इंडिया निदेशक फ्रांकाईन पिकप के मुताबिक अगर इन राज्यों ने तत्काल प्रभाव से शिक्षा, सेहत और रोजगार संबंधी योजनाओं की जमीनी स्तर पर नहीं उतारा तो कगार पर खड़े लोग पूर्ण गरीब की श्रेणी में चले जाएंगे।
10 मानकों पर बनी रिपोर्ट : रिपोर्ट शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन स्तर, पोषण, बाल मृत्यु दर, स्वच्छ पानी तक पहुंच, खाना पकाने का ईंधन, स्वच्छता, बिजली, आवास व संपत्ति आदि मानकों के आधार पर तैयार की गई है।