नोटबंदी के तुरंत बाद जारी हुए 2000 के नोट और उसके करीब नौ महीने बाद जारी हुए 200 के नोट बाजार में आए बहुत टाइम हो गया. लेकिन इनसे जुड़े नियम बनाना सरकार शायद भूल गई है. इससे आम लोगों को परेशानी हो रही है.
200 और 2000 के गंदे, कटे-फटे और खराब हुए नोट को बदलने के लिए अब तक कोई नियम सरकार ने नहीं बनाया है. अगर ऐसा कोई नोट आपके पास है तो उसको बैंक में नहीं बदला जा सकता है. क्योंकि सरकार को इसके लिए नियम बनाना याद ही नहीं रहा.
दरअसल 200 और 2000 के नोट नए चलन में आए हैं. इसलिए इनके लिए नए नियमों की जरूरत है. RBI एक्ट-1934 के सेक्शन 28 में नोट बदलने से संबधित नियमों का जिक्र है जिसमें कुछ शर्तों को पूरा करने पर पुराने नोट को बदला जा सकता है.
भारतीय रिज़र्व बैंक (नोट वापसी) नियमावली, 2009 में बदले जा सकने वाले नोटों की एक टेबल (सारणी) बनी हुई है. इस टेबल के मूल्यवर्ग में 1, 2, 5, 10, 20, 50, 100, 500 और 1000 के नोटों का ही जिक्र है. इसमें 200 और 2000 के नोट को जोड़ा ही नहीं गया है.
हालांकि इस नियमावली में केंद्र सरकार केवल एक राजपत्रित आदेश (Gazette Order) निकालकर बदलाव कर सकती है. लेकिन अबतक इस पर ध्यान नहीं दिया गया है. रिज़र्व बैंक का नियम नहीं होने के कारण आम बैंक इन नोटों को नहीं बदल सकते.
2000 रुपए के करीब 6.70 लाख करोड़ वैल्यू के नोट अभी बाजार में मौजूद हैं. 2000 के नए नोटों की छपाई फिलहाल बंद हो चुकी है. 200 के नए नोट अभी भी छप रहे हैं और बाजार में पहुंच रहे हैं.
सरकार ने नए नोटों से जुड़े कुछ नियमों में तो तब्दीली कर दी थी लेकिन सेक्शन 28 में कोई बदलाव नहीं किया. आरबीआई ने कहा कि इस नियम में परिवर्तन के लिए सरकार को बताया गया है. लेकिन अब तक ऐसा हो नहीं सका है.
आरबीआई के नियमानुसार नोट के कटे-फटे होने पर उसके आकार के आधार पर नोट का नया मूल्य तय किया जाता है. और पैसा उपभोक्ता को दिया जाता है. नए नोटों की साइज अलग है जो आरबीआई एक्ट में पहले से दिए साइज से मैच नहीं करती. इसलिए नए नियमों की जरूरत हो गई है.
इस मुद्दे पर वरिष्ठ वित्त सचिव ने कहा कि जल्द ही हम इस पर नियम बनाएंगे. जिससे आम जनता को कोई परेशानी ना हो.
अब देखना ये है कि कैश की किल्लत होने की खबरों के बीच इस नियम के बारे में सरकार की कब नींद टूटेगी.
Damaged 200 and 2000 rupee note can't be exchanged in banks due to outdated rules