8 नवंबर को 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़े नोट बैन कर दिए. अपनी स्पीच की शुरुआत तो ऐसे की थी, जैसे मन नहीं लग रहा है, बात करने आए और बड़ा फैसला सुना गए थे.
लेकिन बड़े नोटों को बैन करने का फैसला लेने वाले मोदी पहले प्रधानमंत्री नहीं थे. इनसे 38 साल पहले प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने 100 रुपये से ऊपर के सारे नोट बैन कर दिये थे. उस वक्त भी काला धन ही था निशाने पर.
मोरारजी देसाई गुजरात के बुलसर जिले के भडेली गांव में 29 फ़रवरी 1896 को पैदा हुए थे. 24 मार्च 1977 को देश के प्रधानमंत्री बने. 99 साल की उम्र में 10 अप्रैल 1995 में वो इस दुनिया को छोड़ गए. मोरारजी देसाई वो प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने पीएम मोदी से पहले नोटबंदी की थी.
उस वक्त 1000, 5000 और 10,000 रुपये के नोट चलते थे. तो जनवरी 1978 में ये सारे नोट बैन हो गये. 10000 का नोट 1938 में पहली बार छपा था. इतना बड़ा नोट तो लेकर चलने में भी समस्या है. इंसान डरेगा. कहीं फुटकर ना करा पायेगा. फिर कोई छीन ले तो और समस्या है. ना ही निकालो ऐसे नोट तो अच्छा है.
प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के टाइम में 1000 रुपये के नोट वापस आये थे. कहा गया कि बिजनेस के लिए फायदेमंद होगा. 500 रुपये के नोट तो 1987 में ही वापस आ गये थे. 1980 में सत्यमेव जयते आया था पहली बार नोट पर. 1987 में 500 के नोट पर महात्मा गांधी आये. 1996 में गांधी जी पहली बार 10 रुपये के नोट पर आये. 2001 में 5 रुपये के नोट पर भी आ गये.
1996 में 100 रुपये के, 1997 में 50 और 50, 2000 में 1000 और 2001 में 20 रुपये के नोट पर गांधी जी को ला दिया गया. मतलब 2001 तक गांधी जी हर नोट पर थे.
वैसे नरेंद्र मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने 2000 रुपये का नोट निकाला है.