नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू होने के बाद अब अलगाववादियों पर कार्रवाई तेज हो गई है। जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के नेता यासिन मलिक को गुरुवार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। यासिन मलिक ने कश्मीर घाटी में बंद का आह्वान किया था।
बता दें अलगाववादि नेता सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारुक और यासिन मलिक ने कश्मीर घाटी के हालात को लेकर बंद का आह्वान किया है। घाटी में पिछले दिनों वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी और अन्य निर्दोष नागरिकों की हत्या के खिलाफ बंद का आह्वान किया गया था।
बहरहाल बताया जा रहा है कि अभी भी 200 आतंकी पूरी तरह से घाटी में सक्रिय हैं और इनकी मदद करने के लिए करीब 3000 ओवरग्राइंड कार्यकर्ता एक्टिव हैं। एक बार जब सेना दोबारा अपना ऑपरेशन तेजी से आगे बढ़ाएगी तो घाटी में सर्च ऑपरेशन बढ़ाया जाएगा।
इसके लिए अभी से ही साइबर एजेंसियां ने तैयारियां भी शुरू कर दी है। साइबर सेल एजेंसियों के साथ मिलकर मिशन को आगे बढ़ा रही है। ऑपरेशन के साथ-साथ सेना का जोर अब राज्य में विकास कार्य को आगे बढ़ाने का भी है।
एक तरफ जहां सेना आतंकियों का सफाया करेगी तो दूसरी तरफ ऐसा माहौल बनाएगी जिससे अधिकारी आसानी से काम कर सकें। अधिकारियों का फोकस जारी विकास कार्यों में तेजी लाना होगा, जिसके लिए सेना माहौल बनाएगी। सीजफायर खत्म होने के बाद ही सेना ने ऑपरेशन बढ़ाया और पिछले करीब 48 घंटों में सात से अधिक आतंकियों को मार गिराया।