गंदा पानी स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है जो पीलिया और दस्त का कारण बन सकता है. ‘ये लोग‘ अपने हाथ भी नहीं धोते हैं. आप आईटीओ जाते हैं और फलों के रस बेचने वाले लोगों को देखते हैं. वे बर्फ को उन फुटपाथों पर रखते हैं जिन पर लोगों ने पेशाब किया होता है. बर्फ बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला पानी भी गंदा होता है.
आज से लगभग 5 महीने पहले 12 मार्च, 2018 को दिल्ली उच्च न्यायालय ने पानी बेचने वाली ग़ैरक़ानूनी ट्रॉलीज़ को लेकर चिंता जताते हुए इन बातों का उल्लेख किया था. न्यायलय ने नगर निगमों को शहर पुलिस के साथ जल्द से जल्द अवैध गतिविधि को रोकने के लिए निर्देशित किया.
लेकिन हम पांच महीने पुरानी बात आज क्यूं कर रहे हैं?
इसलिए क्यूंकि पांच महीने पुरानी बात तो ग़ैर-अधिकृत पानी बेचने वाली ट्रॉलीज़ को लेकर थीं. अबकी बात है लाइसेंस प्राप्त पानी बेचने वाली ट्रॉलीज़ की.
एनडीएमसी (उत्तरी दिल्ली नगर निगम), ने 572 लाइसेंस प्राप्त ट्रॉलीज़ का निरीक्षण किया है और जो पाया है वो डराने वाला है. एक दो या पचास प्रतिशत नहीं रिज़ल्ट 100 परसेंट नेगेटिव है. ये सारी की सारी ट्रॉलीज़ स्वास्थ्य मानदंडों का उल्लंघन कर रहीं थीं. एनडीएमसी ने 1623 पानी की ट्रॉलीज़ को लाइसेंस बांटे हुए हैं. ये 2 रुपए में एक ठंडे पानी का ग्लास बेचते हैं.
पिछले छः महीनों से चल रहे इस टेस्ट में क्लोरिन की आवश्यकता से कम मात्रा पाई गई. और अगर पानी में क्लोरिन की मात्रा कम है तो पीने वाले को हो सकते हैं रोग. हेपेटाईटिस बी, टाइफाइड और हैज़ा जैसे गंदे-गंदे रोग.
साथ ही पाए गए ई कोली, बैक्टीरिया. और बैक्टीरिया मतलब – डायरिया.
अब इन ट्रॉलीज़ को जब्त करा जा रहा है और 500 रुपए का ज़ुर्माना लगेगा सो अलग.
और हां! आपके नल में जो पानी आ रहा है उसके बारे में भी बताते चलें. उसके भी ढाई हज़ार से ज़्यादा सैंपल लिए गए. स्थिति इतनी डरावनी नहीं थीं. 16 सैंपल फेल हुए.