तीन दिनों से दीघा और गांधी घाट में गंगा का जल स्तर घट रहा था। मगर सोमवार को दोनों घाटों पर करीब पांच-पांच सेंटीमीटर का इजाफा हुआ। इसका कारण मध्य प्रदेश में बाणसागर बांध से छोड़ा गया पानी है। गंगा का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। गंगा दीघा घाट पर खतरे के निशान से 4 सेंटीमीटर और गांधी घाट पर 89 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। अनुमान लगाया जा रहा है कि मंगलवार को दीघा घाट में 77 सेंटीमीटर और गांधी घाट पर 56 सेंटीमीटर जल स्तर बढ़ सकता है।
गंगा नदी का जल स्तर बढ़ने को लेकर जल संसाधन विभाग ने तटवर्ती इलाकों में हाई अलर्ट जारी किया है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक सोन नदी में बाणसागर बांध से साढ़े ग्यारह लाख क्यूसेक से अधिक पानी टुकड़ों-टुकड़ों में छोड़ा जाना है. हालांकि, पानी इतना बढ़ने के बाद भी पटना शहर के इर्द-गिर्द कोई खास खतरा न होने का दावा जल संसाधन विभाग कर रहा है।
उधर, नेपाल व यूपी समेत पड़ोसी राज्यों में बारिश के बाद सूबे की नदियों में फिर से उफान है। एक दर्जन नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। गंगा, कोसी, बागमती, गंडक, कमला बलान, अधवारा, बूढ़ी गंडक, घाघरा के साथ-साथ बाया, कनकई, दाहा, गंडकी नदी लाल निशान से ऊपर बह रही है।
दूसरी तरफ किशनगंज में भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। पहाड़ और नार्थ इस्ट में हुई भीषण बारिश का असर किशनगंज पर पड़ने की आशंका है। सोमवार की सुबह नेपाल द्वारा महानंदा बैराज में 1315 क्यूमेक पानी छोड़े जाने की सूचना के बाद प्रशासन में खलबली मच गई। संभावित बाढ़ की आशंका के मद्देनजर प्रशासन फौरन आपदा से निपटने की तैयारियों में जुट गया। हालांकि दिन चढ़ने के साथ पानी का डिस्चार्ज कम हुआ। मगर बाढ़ का खतरा अभी भी बरकरार है। दरअसल नेपाल में हो रही बारिश की तत्तकाल सूचना नहीं मिल पाती और न ही वहां से पानी छोड़ने से पहले भारत को कोई सूचना दी जाती है।
Source: Live Bihar